बच्चेदानी में सूजन के कारण और इलाज | Bulky Uterus In Hindi

by | Mar 20, 2023 | Fertility

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बल्की यूटरस क्या है? (What is Bulky Uterus in Hindi)

बल्की यूटरस महिलाओं में एक ऐसी समस्या है जिसमें बच्चेदानी का आकार सूजन के कारण सामान्य से बड़ा हो जाता है। इससे ब्लीडिंग, दर्द समस्याएं हो सकती हैं। यूटरस एक महत्वपूर्ण अंग होता है, जो महिलाओं के गर्भाशय को समेत उनकी संतानों के विकास और जन्म के लिए जिम्मेदार होता है। बल्की यूटरस का मतलब होता है कि यूटरस की सामान्य से बड़ी या फिर भारी होने की स्थिति होती है। इससे यूटरस में सूजन हो जाती है जो कि नारी के शरीर में कई समस्याओं को उत्पन्न कर सकती है।

Bulky Uterus

Bulky Uterus

यह स्थिति महिलाओं में कुछ कारणों से होती है, जैसे कि गर्भावस्था, गर्भाशय में फाइब्रॉइड, यूटरस में संक्रमण या यूटरस कैंसर आदि। इसलिए, अगर आपको लगता है कि आपका यूटरस बल्की है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए और समस्या का समाधान करने के लिए उनसे परामर्श लेना चाहिए।

 

बच्चेदानी में सूजन क्या होती है? (Why Utreus gets Bulky)

बच्चेदानी में सूजन या गर्भाशय में सूजन महिलाओं में एक सामान्य समस्या होती है जो बहुत से कारणों से हो सकती है। इसमें बच्चेदानी की दीवारों में सूजन हो जाती है जो बच्छे-दानी को बढ़ा देती है और यूटेरस को बाहर करती हुई समस्या उत्पन्न कर सकती है। इससे महिलाओं में अधिक ब्लीडिंग, दर्द, अस्वस्थता और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

बच्चेदानी में सूजन के कारणों में शामिल होते हैं बच्चेदानी में फाइब्रॉइड, रासायनिक विषैले तत्वों के संचय, गर्भाशय कैंसर, संक्रमण, प्रेगनेंसी और अन्य समस्याएं।

 

यूटरस (गर्भाशय) का सामान्य आकार क्या है? (What is Normal Uterus Size)

यूटेरस (गर्भाशय) महिलाओं के शरीर में एक महत्वपूर्ण अंग होता है जो उनकी संतानों के विकास और जन्म के लिए जिम्मेदार होता है। यह मुख्यतः दो भागों से मिलकर बना होता है – निचला भाग (सर्वांगासन) और ऊपरी भाग (उपरान्तःशान्ति)।

यूटेरस का सामान्य आकार महिलाओं के उम्र, शारीरिक संरचना और गर्भावस्था पर निर्भर करता है। सामान्यतः, यूटेरस की ऊंचाई 7 से 8 सेमी होती है और इसकी चौड़ाई लगभग 4 से 5 सेमी होती है।

अधिकतर महिलाओं में, यूटेरस का वजन लगभग 30 से 40 ग्राम होता है।

यूटेरस का आकार बदलता रहता है जब महिलाओं की उम्र बढ़ती है और वे माँ बनती हैं। गर्भावस्था के दौरान, यूटेरस का आकार और वजन बढ़ जाता है क्योंकि इसका उपयोग भविष्य में आने वाले बच्चे के लिए होता है। इस दौरान, यूटेरस का आकार लगभग 1 किलोग्राम तक बढ़ सकता है। जन्म के बाद, यूटेरस का आकार और वजन धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट जाता है।

संक्षेप में, यूटेरस एक महत्वपूर्ण अंग होता है जो महिलाओं के शरीर में संतानों के विकास और जन्म के लिए जिम्मेदार होता है। बल्की यूटरस या बच्चेदानी में सूजन जैसी समस्याओं से बचने के लिए, नियमित चेकअप और अपने डॉक्टर के साथ सम्पर्क में रहना बहुत जरूरी है।

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बल्की यूटरस के लक्षण (Symptoms of Bulky Uterus in Hindi) :

बल्की यूटरस एक स्थिति होती है जिसमें यूटेरस की सामान्य से बड़ी या भारी होने की स्थिति होती है। यह स्थिति महिलाओं में कुछ लक्षणों के साथ दिखाई देती है। यहां कुछ बल्की यूटरस के लक्षण बताए गए हैं:

  • पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग।
  • दर्द या अस्वस्थता या दबाव की अनुभूति पेट के निचले हिस्से में।
  • पेट का आकार बड़ा होना जो आपको लगता हो कि आप गर्भवती हो गई हैं।
  • संभवतः बार-बार पेट के ऊपरी हिस्से में बढ़ती हुई दबाव के साथ विकसित होने वाले बालों की अधिक उत्पत्ति।
  • सामान्य से अधिक बढ़ी हुई यूटेरस के कारण अधिक यौन संबंधों से सम्बंधित समस्याएं हो सकती हैं।

यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।

 

बच्चेदानी में सूजन का निदान (Prevention of Bulky Uterus in Hindi):

बच्चेदानी में सूजन या बल्की यूटरस की स्थिति को निदान करने के लिए निम्नलिखित परीक्षाएं की जा सकती हैं:

  • प्रारंभिक जांच – डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य इतिहास, उपस्थिति और शरीर के अन्य लक्षणों का आकलन करेंगे। उन्हें आपका परीक्षण करने के लिए सलाह दी जा सकती है।
  • रेखांकन – यह एक प्रणाली है जो यूटेरस के अंदर से एक छद्म इमेज का उत्पादन करती है। इस परीक्षण के द्वारा, डॉक्टर यूटेरस की स्थिति का मूल्यांकन कर सकते हैं।
  • सोनोग्राफी – यह परीक्षण उल्ट्रासाउंड का उपयोग करता है और यूटेरस की स्थिति का मूल्यांकन करता है। इस परीक्षण के द्वारा, डॉक्टर यूटेरस की स्थिति को निश्चित कर सकते हैं।
  • मृदु गर्भाशय टीमा – यह परीक्षण गर्भाशय की बीमारियों और उसके अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।

 

बच्चेदानी में सूजन से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:

  • स्वस्थ भोजन लें और वजन को संतुलित रखें।
  • व्यायाम करें और सक्रिय रहें।
  • नियमित चेकअप के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जैसे कि धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन कम करें।
  • नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लें और अपनी स्वास्थ्य से जुड़ी सभी समस्याओं का समय पर इलाज कराएं।

बल्की यूटरस एक गंभीर समस्या हो सकती है, इसलिए आपको नियमित चेकअप करवाना चाहिए और यदि आपको कोई लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। एक बल्की यूटरस से बचने के लिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और नियमित रूप से चेकअप करवाएं।

 

बल्की यूटरस के कारण (Causes of Bulky Uterus in Hindi):

बल्की यूटरस की स्थिति जब यूटेरस की सामान्य से बड़ी होती है तो उसके कुछ मुख्य कारण होते हैं। निम्नलिखित हैं बल्की यूटरस के कुछ प्रमुख कारण:

  1. गर्भावस्था (Pregnancy) – यूटेरस की बल्की स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान दिखाई देती है। गर्भवती महिलाओं में हार्मोन बदलाव होते हैं जो यूटेरस को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  2. ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cysts) – यह एक समस्या है जो ओवेरी में उत्पन्न होती है जो यूटेरस की स्थिति में बढ़ोतरी कर सकती है।
  3. पीसीओएस (PCOS) – यह एक बीमारी है जिसमें महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन होता है जो यूटेरस की स्थिति में बढ़ोतरी कर सकता है।
  4. पेरिमेनोपॉज (Perimenopause) – जब महिलाओं की उम्र बढ़ती है तो यूटेरस का आकार बढ़ना शुरू होता है। पेरिमेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं जो यूटेरस को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  5. फाइब्रॉएड (Fibroids) – ये उत्तरी भाग में स्थापित होने वाले गुच्छों होते हैं जो यूटेरस की स्थिति में बढ़ोतरी कर सकते हैं। फाइब्रॉएड अक्सर असामान्य ब्लीडिंग या दर्द के साथ संबंधित होते हैं।
  6. एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) – यह बल्की यूटरस का मुख्य कारण होता है। इसमें यूटेरस की दीवार के अंदर से उत्तरी भाग में स्थित एक असामान्य विस्तार होता है जो यूटेरस की स्थिति में बढ़ोतरी करता है।

बल्की यूटरस के कारण को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि सही इलाज करना संभव हो सके। अगर आपको बल्की यूटरस के किसी भी कारण की शक्ति महसूस होती है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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बल्की यूटरस की जटिलताएं (Complications due to Bulky Uterus in Hindi):

अगर बल्की यूटरस की स्थिति अनदेखी की जाती है तो इससे कुछ जटिलताएं हो सकती हैं।

  1. गर्भाशय फाइब्रॉएड्स (Uterine Fibroids) – बल्की यूटरस एक प्रमुख कारण है जो गर्भाशय फाइब्रॉएड्स का कारण बनता है। ये असामान्य ब्लीडिंग और दर्द के साथ संबंधित हो सकते हैं।
  2. संक्रमण (Infection) – बल्की यूटरस एक असामान्य स्थिति होती है जो जिसे अनदेखा जाता है, उससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
  3. गर्भाशय के नालिका में अवरुद्धि (Blockage in Uterine Tubes) – यूटेरस की स्थिति में वृद्धि के कारण, गर्भाशय के नालिका में अवरुद्धि हो सकती है जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है।

 

बल्की यूटरस दवाइयाँ (Medications of Bulky Uterus in Hindi):

बल्की यूटरस के इलाज के लिए कुछ दवाइयाँ दी जा सकती हैं जो समस्या को कम करने में मदद करती हैं।

  1. एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं – ये दवाएं सूजन को कम करने में मदद करती हैं।
  2. हार्मोनल दवाएं – हार्मोनल दवाएं जैसे कि बर्थ कंट्रोल पिल बल्की यूटरस को नियंत्रित करने में मदद करती हैं जो यूटेरस की स्थिति में वृद्धि को रोकते हैं।
  3. एंटीबायोटिक्स – ये दवाएं संक्रमण के इलाज में मदद करती हैं।
  4. सर्जरी – यदि दवाओं से लाभ नहीं होता है, तो सर्जरी की जा सकती है जिसमें य