बच्चेदानी में सूजन के कारण और इलाज | Bulky Uterus In Hindi

by | Mar 20, 2023 | Fertility

बल्की यूटरस क्या है? (What is Bulky Uterus in Hindi)

बल्की यूटरस महिलाओं में एक ऐसी समस्या है जिसमें बच्चेदानी का आकार सूजन के कारण सामान्य से बड़ा हो जाता है। इससे ब्लीडिंग, दर्द समस्याएं हो सकती हैं। यूटरस एक महत्वपूर्ण अंग होता है, जो महिलाओं के गर्भाशय को समेत उनकी संतानों के विकास और जन्म के लिए जिम्मेदार होता है। बल्की यूटरस का मतलब होता है कि यूटरस की सामान्य से बड़ी या फिर भारी होने की स्थिति होती है। इससे यूटरस में सूजन हो जाती है जो कि नारी के शरीर में कई समस्याओं को उत्पन्न कर सकती है।

Bulky Uterus

Bulky Uterus

यह स्थिति महिलाओं में कुछ कारणों से होती है, जैसे कि गर्भावस्था, गर्भाशय में फाइब्रॉइड, यूटरस में संक्रमण या यूटरस कैंसर आदि। इसलिए, अगर आपको लगता है कि आपका यूटरस बल्की है तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए और समस्या का समाधान करने के लिए उनसे परामर्श लेना चाहिए।

 

बच्चेदानी में सूजन क्या होती है? (Why Utreus gets Bulky)

बच्चेदानी में सूजन या गर्भाशय में सूजन महिलाओं में एक सामान्य समस्या होती है जो बहुत से कारणों से हो सकती है। इसमें बच्चेदानी की दीवारों में सूजन हो जाती है जो बच्छे-दानी को बढ़ा देती है और यूटेरस को बाहर करती हुई समस्या उत्पन्न कर सकती है। इससे महिलाओं में अधिक ब्लीडिंग, दर्द, अस्वस्थता और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

बच्चेदानी में सूजन के कारणों में शामिल होते हैं बच्चेदानी में फाइब्रॉइड, रासायनिक विषैले तत्वों के संचय, गर्भाशय कैंसर, संक्रमण, प्रेगनेंसी और अन्य समस्याएं।

 

यूटरस (गर्भाशय) का सामान्य आकार क्या है? (What is Normal Uterus Size)

यूटेरस (गर्भाशय) महिलाओं के शरीर में एक महत्वपूर्ण अंग होता है जो उनकी संतानों के विकास और जन्म के लिए जिम्मेदार होता है। यह मुख्यतः दो भागों से मिलकर बना होता है – निचला भाग (सर्वांगासन) और ऊपरी भाग (उपरान्तःशान्ति)।

यूटेरस का सामान्य आकार महिलाओं के उम्र, शारीरिक संरचना और गर्भावस्था पर निर्भर करता है। सामान्यतः, यूटेरस की ऊंचाई 7 से 8 सेमी होती है और इसकी चौड़ाई लगभग 4 से 5 सेमी होती है।

अधिकतर महिलाओं में, यूटेरस का वजन लगभग 30 से 40 ग्राम होता है।

यूटेरस का आकार बदलता रहता है जब महिलाओं की उम्र बढ़ती है और वे माँ बनती हैं। गर्भावस्था के दौरान, यूटेरस का आकार और वजन बढ़ जाता है क्योंकि इसका उपयोग भविष्य में आने वाले बच्चे के लिए होता है। इस दौरान, यूटेरस का आकार लगभग 1 किलोग्राम तक बढ़ सकता है। जन्म के बाद, यूटेरस का आकार और वजन धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट जाता है।

संक्षेप में, यूटेरस एक महत्वपूर्ण अंग होता है जो महिलाओं के शरीर में संतानों के विकास और जन्म के लिए जिम्मेदार होता है। बल्की यूटरस या बच्चेदानी में सूजन जैसी समस्याओं से बचने के लिए, नियमित चेकअप और अपने डॉक्टर के साथ सम्पर्क में रहना बहुत जरूरी है।

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बल्की यूटरस के लक्षण (Symptoms of Bulky Uterus in Hindi) :

बल्की यूटरस एक स्थिति होती है जिसमें यूटेरस की सामान्य से बड़ी या भारी होने की स्थिति होती है। यह स्थिति महिलाओं में कुछ लक्षणों के साथ दिखाई देती है। यहां कुछ बल्की यूटरस के लक्षण बताए गए हैं:

  • पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग।
  • दर्द या अस्वस्थता या दबाव की अनुभूति पेट के निचले हिस्से में।
  • पेट का आकार बड़ा होना जो आपको लगता हो कि आप गर्भवती हो गई हैं।
  • संभवतः बार-बार पेट के ऊपरी हिस्से में बढ़ती हुई दबाव के साथ विकसित होने वाले बालों की अधिक उत्पत्ति।
  • सामान्य से अधिक बढ़ी हुई यूटेरस के कारण अधिक यौन संबंधों से सम्बंधित समस्याएं हो सकती हैं।

यदि आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।

 

बच्चेदानी में सूजन का निदान (Prevention of Bulky Uterus in Hindi):

बच्चेदानी में सूजन या बल्की यूटरस की स्थिति को निदान करने के लिए निम्नलिखित परीक्षाएं की जा सकती हैं:

  • प्रारंभिक जांच – डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य इतिहास, उपस्थिति और शरीर के अन्य लक्षणों का आकलन करेंगे। उन्हें आपका परीक्षण करने के लिए सलाह दी जा सकती है।
  • रेखांकन – यह एक प्रणाली है जो यूटेरस के अंदर से एक छद्म इमेज का उत्पादन करती है। इस परीक्षण के द्वारा, डॉक्टर यूटेरस की स्थिति का मूल्यांकन कर सकते हैं।
  • सोनोग्राफी – यह परीक्षण उल्ट्रासाउंड का उपयोग करता है और यूटेरस की स्थिति का मूल्यांकन करता है। इस परीक्षण के द्वारा, डॉक्टर यूटेरस की स्थिति को निश्चित कर सकते हैं।
  • मृदु गर्भाशय टीमा – यह परीक्षण गर्भाशय की बीमारियों और उसके अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।

 

बच्चेदानी में सूजन से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:

  • स्वस्थ भोजन लें और वजन को संतुलित रखें।
  • व्यायाम करें और सक्रिय रहें।
  • नियमित चेकअप के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क में रहें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जैसे कि धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन कम करें।
  • नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लें और अपनी स्वास्थ्य से जुड़ी सभी समस्याओं का समय पर इलाज कराएं।

बल्की यूटरस एक गंभीर समस्या हो सकती है, इसलिए आपको नियमित चेकअप करवाना चाहिए और यदि आपको कोई लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। एक बल्की यूटरस से बचने के लिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और नियमित रूप से चेकअप करवाएं।

 

बल्की यूटरस के कारण (Causes of Bulky Uterus in Hindi):

बल्की यूटरस की स्थिति जब यूटेरस की सामान्य से बड़ी होती है तो उसके कुछ मुख्य कारण होते हैं। निम्नलिखित हैं बल्की यूटरस के कुछ प्रमुख कारण:

  1. गर्भावस्था (Pregnancy) – यूटेरस की बल्की स्थिति आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान दिखाई देती है। गर्भवती महिलाओं में हार्मोन बदलाव होते हैं जो यूटेरस को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  2. ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cysts) – यह एक समस्या है जो ओवेरी में उत्पन्न होती है जो यूटेरस की स्थिति में बढ़ोतरी कर सकती है।
  3. पीसीओएस (PCOS) – यह एक बीमारी है जिसमें महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन होता है जो यूटेरस की स्थिति में बढ़ोतरी कर सकता है।
  4. पेरिमेनोपॉज (Perimenopause) – जब महिलाओं की उम्र बढ़ती है तो यूटेरस का आकार बढ़ना शुरू होता है। पेरिमेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव होते हैं जो यूटेरस को बढ़ाने में मदद करते हैं।
  5. फाइब्रॉएड (Fibroids) – ये उत्तरी भाग में स्थापित होने वाले गुच्छों होते हैं जो यूटेरस की स्थिति में बढ़ोतरी कर सकते हैं। फाइब्रॉएड अक्सर असामान्य ब्लीडिंग या दर्द के साथ संबंधित होते हैं।
  6. एडिनोमायोसिस (Adenomyosis) – यह बल्की यूटरस का मुख्य कारण होता है। इसमें यूटेरस की दीवार के अंदर से उत्तरी भाग में स्थित एक असामान्य विस्तार होता है जो यूटेरस की स्थिति में बढ़ोतरी करता है।

बल्की यूटरस के कारण को समझना महत्वपूर्ण है, ताकि सही इलाज करना संभव हो सके। अगर आपको बल्की यूटरस के किसी भी कारण की शक्ति महसूस होती है, तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।

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बल्की यूटरस की जटिलताएं (Complications due to Bulky Uterus in Hindi):

अगर बल्की यूटरस की स्थिति अनदेखी की जाती है तो इससे कुछ जटिलताएं हो सकती हैं।

  1. गर्भाशय फाइब्रॉएड्स (Uterine Fibroids) – बल्की यूटरस एक प्रमुख कारण है जो गर्भाशय फाइब्रॉएड्स का कारण बनता है। ये असामान्य ब्लीडिंग और दर्द के साथ संबंधित हो सकते हैं।
  2. संक्रमण (Infection) – बल्की यूटरस एक असामान्य स्थिति होती है जो जिसे अनदेखा जाता है, उससे संक्रमण का खतरा बढ़ता है।
  3. गर्भाशय के नालिका में अवरुद्धि (Blockage in Uterine Tubes) – यूटेरस की स्थिति में वृद्धि के कारण, गर्भाशय के नालिका में अवरुद्धि हो सकती है जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती है।

 

बल्की यूटरस दवाइयाँ (Medications of Bulky Uterus in Hindi):

बल्की यूटरस के इलाज के लिए कुछ दवाइयाँ दी जा सकती हैं जो समस्या को कम करने में मदद करती हैं।

  1. एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं – ये दवाएं सूजन को कम करने में मदद करती हैं।
  2. हार्मोनल दवाएं – हार्मोनल दवाएं जैसे कि बर्थ कंट्रोल पिल बल्की यूटरस को नियंत्रित करने में मदद करती हैं जो यूटेरस की स्थिति में वृद्धि को रोकते हैं।
  3. एंटीबायोटिक्स – ये दवाएं संक्रमण के इलाज में मदद करती हैं।
  4. सर्जरी – यदि दवाओं से लाभ नहीं होता है, तो सर्जरी की जा सकती है जिसमें यूटेरस का आकार कम किया जाता है।

बल्की यूटरस की स्थिति गंभीर हो सकती है, इसलिए सही इलाज करना बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर से सलाह लें और उनकी दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें। जिससे आपको इस समस्या से निजात मिल सकता है।

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बल्की यूटरस का निदान (Diagnosis of Bulky Uterus in Hindi):

बल्की यूटरस का निदान करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट कर सकते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

  1. उल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – यह टेस्ट सबसे आम है और यह देखने में मदद करता है कि यूटेरस की आकार कितनी है।
  2. एमआरआई (MRI) – यह टेस्ट अधिक विस्तृत जांच करने के लिए किया जाता है और यह देखने में मदद करता है कि यूटेरस के अन्दर क्या हो रहा है।
  3. ब्लड टेस्ट – ब्लड टेस्ट में हार्मोन की मात्रा जांची जा सकती है जो बल्की यूटरस की समस्या का कारण हो सकते हैं।

 

बल्की यूटरस का उपचार (Bulky Uterus Treatment in Hindi):

बल्की यूटरस का उपचार इसके कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। यदि बल्की यूटरस गर्भावस्था के दौरान होता है तो आमतौर पर इसका इलाज आवश्यक नहीं होता है और यह स्वयं ही ठीक हो जाता है।

अगर बल्की यूटरस के कारण दर्द या अन्य समस्याएं होती हैं, तो निम्नलिखित उपचार किए जा सकते हैं:

  1. दवाएं – अधिकतम मामलों में, एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं को निर्धारित किया जा सकता है जो सूजन को कम करती हैं और दर्द को कम करती हैं। हार्मोनल दवाएं भी उपयोगी हो सकती हैं जो यूटेरस के अंदर की वृद्धि को रोकती हैं।
  1. सर्जरी – जब दवाओं से इलाज संभव नहीं होता है, तो सर्जरी की जा सकती है जिसमें बल्की यूटरस को निकाल दिया जाता है। यह एक मजबूत प्रक्रिया होती है जो शल्य चिकित्सक द्वारा की जानी चाहिए।
  2. अन्य उपचार – कुछ मामलों में, अन्य उपचार भी समस्या को ठीक कर सकते हैं, जैसे कि एडिनोमायोसिस के मामले में एडिनोमेट्रीटिस दवाएं का उपयोग किया जा सकता है।

बल्की यूटरस के उपचार का चयन समस्या के कारण और गंभीरता पर निर्भर करता है। यदि आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो अपने डॉक्टर से जाँच करें और उनके द्वारा सलाह दी गई दवाओं का पालन करें।

 

बल्की यूटरस के घेरलू उपचार (Home Remedies of Bulky Uterus):

बल्की यूटरस के घेरलू उपचार कुछ योगाभ्यास और घरेलू उपचारों को शामिल कर सकते हैं। इनमें से कुछ उपचार निम्नलिखित हैं:

  1. योग और ध्यान – योग और ध्यान सूजन को कम करने और यूटेरस को संतुलित रखने में मदद कर सकते हैं। ध्यान और प्राणायाम भी स्तनों को संतुलित रखने में मदद करते हैं।
  2. हल्दी वाला दूध – हल्दी वाला दूध सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। हल्दी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लामेट्री प्रतिद्वंद्वी गुण होते हैं।
  3. गर्म पानी बैठना – गर्म पानी में बैठना सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। आप इसके लिए थोड़ा गरम पानी ले और उसमें नमक डालकर बैठें।
  4. विश्राम लें – अधिक थकान या तनाव से बचें। अधिक आराम लें और अपने शरीर के लिए समय निकालें।

 

बल्की यूटरस में आहार (Diet in Bulky Uterus):

बल्की यूटरस में सही आहार लेना भी महत्वपूर्ण होता है। कुछ आहार जो बल्की यूटरस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं, वे निम्नलिखित हैं:

  1. फल और सब्जियां – फल और सब्जियों में विटामिन और मिनरल होते हैं जो स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। इनमें फोलिक एसिड भी होता है जो गर्भावस्था में बच्चे के विकास के लिए आवश्यक होता है।
  2. खाद्य पदार्थों के समूह – आप खाद्य पदार्थों को समूह में खाना चाहिए जैसे कि पूरे अनाज, सफेद मांस, दूध, दही, फल और सब्जियां।
  3. फाइबर – फाइबर सम्पूर्ण अनाज, फल और सब्जियों में पाया जाता है जो पाचन को संतुलित रखने में मदद करते हैं। इससे संबंधित उत्पादों से बचें जो शराब, ग्रीसी खाद्य पदार्थ और कॉफ़ी शामिल होते हैं।
  4. विटामिन ई – विटामिन ई में गुण होते हैं जो यूटेरस के स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आप अंडे, बादाम, गाजर, सोयाबीन, खुबानी आदि खा सकते हैं जो विटामिन ई से भरपूर होते हैं।

बल्की यूटरस के घरेलू उपचार और सही आहार का पालन करना आपको समस्या से निजात दिलाएगा और आपके स्वास्थ्य को सुधारेगा। आपको स्वस्थ रहने के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और वे आपको उचित उपचार की सलाह देंगे।

ध्यान रखें कि आपके शरीर के लिए सही आहार लेना बहुत महत्वपूर्ण होता है और योग और ध्यान आपके स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करते हैं। इसके अलावा, आप अपने शरीर के साथ अधिक संवेदनशील बनने के लिए थोड़ा समय ले सकते हैं। इससे आपका शरीर संतुलित होता है और आप स्वस्थ रहते हैं।

 

सारांश:

बल्की यूटरस (Bulky Uterus) एक समस्या है जो महिलाओं में होती है। जिसमें बच्चेदानी का आकार सूजन के कारण सामान्य से बड़ा हो जाता है। इसके कारणों में गर्भावस्था, ओवेरियन सिस्ट, पीसीओएस, पेरिमेनोपॉज, फाइब्रॉएड और एडिनोमायोसिस शामिल होते हैं। यह समस्या उपचार के बिना बढ़ सकती है और कुछ संकेत इसमें शामिल होते हैं जैसे कि गर्भाशय के संगठन में परिवर्तन और तनाव।

इस समस्या का निदान कुछ जांचों से किया जाता है, जैसे कि सोनोग्राफी, एमआरआई और बीएमआई। इसके उपचार के लिए दवाइयों, स्तनपान और सर्जरी आदि का उपयोग किया जाता है। घरेलू उपचारों के अलावा सही आहार लेना भी महत्वपूर्ण होता है और योग और ध्यान स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।

इसलिए, बल्की यूटरस की समस्या से निजात पाने के लिए, सही उपचार के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें और स्वस्थ रहने के लिए उचित आहार लें, योग और ध्यान करें।

 

F.A.Q:

Q: यूट्रस का साइज क्यों बढ़ जाता है?

A: यूट्रस का साइज बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि गर्भावस्था, ओवेरियन सिस्ट, पीसीओएस, पेरिमेनोपॉज, फाइब्रॉएड और एडिनोमायोसिस।

Q: भारी गर्भाशय का इलाज क्या है?

A: भारी गर्भाशय का इलाज दवाइयों, हार्मोन थेरेपी, सर्जरी या अन्य प्रक्रियाओं में से कुछ भी हो सकता है। उपचार की विधि उसके कारण के आधार पर तय की जाएगी।

Q: बढ़े हुए गर्भाशय को कैसे कम करें?

A: बढ़े हुए गर्भाशय को कम करने के लिए उचित उपचार का उपयोग किया जाना चाहिए, जैसे कि दवाइयाँ, सर्जरी या अन्य प्रक्रियाएं।

Q: बच्चेदानी का सूजन कैसे खत्म होगा?

A: बच्चेदानी के सूजन का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है। उचित दवाइयों और संबंधित उपचार के साथ, घरेलू उपचार और संशोधन भी लाभप्रद हो सकते हैं।

Q: गर्भाशय भारी होने का कारण क्या है?

A: गर्भाशय भारी होने कारण हो सकते हैं क्योंकि उसमें विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे कि गर्भावस्था, ओवेरियन सिस्ट, पीसीओएस, पेरिमेनोपॉज, फाइब्रॉएड और एडिनोमायोसिस आदि।

Q: यूट्रस का नॉरमल साइज क्या होना चाहिए?

A: यूट्रस का नॉरमल साइज अलग-अलग उम्र और गर्भावस्था के अनुसार भिन्न हो सकता है। सामान्य रूप से, एक अवधि के बाद यूट्रस का आकार 7 से 8 सेंटीमीटर के बीच होता है।

Q: क्या बढ़े हुए गर्भाशय से पैल्विक दर्द हो सकता है?

A: हां, बढ़े हुए गर्भाशय से पैल्विक दर्द हो सकता है, लेकिन इसके लिए उचित उपचार करना आवश्यक होता है।

Q: सूजन को ठीक होने में कितना समय लगता है?

A: सूजन को ठीक होने में समय काफी अलग-अलग हो सकता है और इसे दूर करने के लिए दवाइयों के उपयोग के साथ-साथ उचित आहार और व्यायाम की भी आवश्यकता होती है।

Q: कौन सी दवा सूजन को कम कर सकती है?

A: सूजन को कम करने के लिए अलग-अलग प्रकार की दवाइयों का उपयोग किया जा सकता है जैसे कि पैरासिटामॉल, एसिड रिफ्लक्स कम करने वाली दवाई, एंटीहिस्टामीन दवाई आदि।

Q: सूजन कितने दिन में ठीक होती है?

A: सूजन को दूर करने में कुछ दिनों से कुछ हफ्तों तक का समय लग सकता है जो उसके कारण, असर और उपचार के प्रकार पर निर्भर करता है।

Q: बल्की यूटरस का मतलब क्या होता है?

A: बल्की यूटरस का मतलब होता है गर्भाशय का आकार सामान्य से बड़ा होना।

Q: अगर गर्भाशय भारी है तो इसका क्या मतलब है?

A: अगर गर्भाशय भारी है तो यह समस्या हो सकती है जिसे उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

Q: क्या भारी गर्भाशय ठीक हो सकता है?

A: जी हां, भारी गर्भाशय ठीक हो सकता है। उचित उपचार के साथ-साथ अपने आहार और व्यायाम पर ध्यान देकर समस्या का समाधान किया जा सकता है।

Q: युटेरस का नॉरमल साइज क्या होता है?

A: युटेरस का सामान्य आकार लगभग 7.6 सेमी लंबा, 5.1 सेमी चौड़ा और 2.5 सेमी मोटा होता है।

Q: सूजन को ठीक होने में कितना समय लगता है?

A: सूजन को ठीक होने में कुछ दिनों से कुछ हफ्तों तक का समय लग सकता है।

Q: सूजन कितने दिन में ठीक होती है?

A: सूजन को दूर करने में कुछ दिनों से कुछ हफ्तों तक का समय लग सकता है जो उसके कारण, असर और उपचार के प्रकार पर निर्भर करता है।

Q: क्या सूजन ठीक हो सकती है?

A: जी हां, सूजन ठीक हो सकती है। इसके लिए उचित उपचार और अपने आहार और व्यायाम पर ध्यान देकर समस्या का समाधान किया जा सकता है।

Q: क्या बढ़े हुए गर्भाशय का होना बुरा है?

A: बढ़े हुए गर्भाशय का होना नुकसानद

Q: कैसे बढ़े हुए गर्भाशय कम करने के लिए?

A: बढ़े हुए गर्भाशय को कम करने के लिए उपचार के रूप में दवाइयों, सर्जरी या अन्य विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही, स्वस्थ आहार, व्यायाम और सुगम वज़न घटाने वाले उपायों का भी उपयोग कर सकते हैं।

Q: आपको कैसे पता चलेगा कि आपका गर्भाशय कमजोर है?

A: गर्भाशय की कमजोरी के लक्षणों में पैल्विक दर्द, खूनी द्रव निकलना, अस्त भोजन, अधिक ब्लीडिंग या खून की कमी शामिल हो सकती हैं। इसलिए यदि आपको इन लक्षणों में से कोई दिखता है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

Q: क्या बढ़े हुए गर्भाशय का होना बुरा है?

A: बढ़े हुए गर्भाशय का होना आम तौर पर बुरा नहीं होता है, लेकिन यह कुछ लोगों में गर्भाशय से संबंधित समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, यदि बढ़े हुए गर्भाशय के लक्षण हों तो उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, और उन्हें समय रहते उपचार कराना चाहिए।

 

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    Dr Mona Dahiya

    Dr Mona Dahiya

    IVF Specialist & Consultant

    Dr Mona Dahiya has performed over 5,000+ IVF cycles and is considered a global expert in IVF, ICSI, IUI and male fertility treatment. She is an eminent writer on Infertility Treatment and has over 100 Publications in both International and National Journals. Dr Mona Dahiya has immensely contributed to the field of infertility through her Research and articles.

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