पीसीओडी के कारण, लक्षण और उपचार (PCOD Kya Hota Hai)

by | Mar 19, 2023 | PCOD

पीसीओडी क्या हैं (PCOD Kya Hai/PCOD Kya Hota Hai)?

PCOD या Polycystic Ovary Syndrome एक हार्मोनल विकार होता है जो युवा महिलाओं को प्रभावित करता है। PCOD में, ओवरीज में छोटे सिस्ट बनते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं। इन असंतुलनों से अनियमित मासिक धर्म, बालों की अतिरिक्त वृद्धि, वजन बढ़ना, मुंहासे और प्रजनन समस्याएं जैसे कि बांझपन की समस्याएं जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।

 

पीसीओडी किन्हे होता है? (Who Suffers From PCOD)?

PCOD महिलाओं को प्रभावित करता है, विशेष रूप से उन महिलाओं को जो अपने तरलता से संबंधित समस्याओं के साथ जूझ रही होती हैं। यह महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, जो उनकी ओवरीज की गतिविधियों को प्रभावित करता है। इससे पहले जिस महिला में डायबिटीज, थायराइड, ओबेसिटी, अनियमित और असंतुलित खान-पान, तंबाकू या शराब का खपत या बुरी आदत होती है, वह इससे प्रभावित होने के जोखिम से अधिक खतरनाक हो सकती है।

अपने प्राकृतिक विकास के दौरान, महिलाओं में अंत: सेवाधारी ग्रंथियों का विकास होता है जो अंडाशय में होते हैं। इन ग्रंथियों में अंडे बनते हैं जो पालक अंडे कहलाते हैं। ये अंडे हार्मोन जैसे कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे विभिन्न हार्मोनों को निर्मित करते हैं। यदि ये हार्मोनों के स्तर में कोई असंतुलन होता है तो यह अंडाशय में सिस्ट बनाते हैं। इससे ओवरीज न सिर्फ समस्याएं उत्पन्न करते हैं बल्कि इससे प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ता है।

 

पीसीओडी और निःसंतानता (Infertility Due to PCOD):

PCOD की एक मुख्य समस्या निःसंतानता है। हार्मोनल असंतुलन के कारण, PCOD वाली महिलाओं में अनियमित अंडाशय निर्माण हो सकता है या बिल्कुल नहीं निर्माण होता है। इससे गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, PCOD से निःसंतानता को उचित चिकित्सा इंटरवेंशन और लाइफस्टाइल बदलाव के द्वारा ठीक किया जा सकता है।

 

पीसीओडी और गर्भधारण (Pregnancy in PCOD):

PCOD वाली महिलाओं के लिए गर्भधारण एक चुनौती हो सकता है क्योंकि उन्हें अनियमित मासिक धर्म होता है जो गर्भधारण को मुश्किल बनाता है। हालांकि, इस समस्या का समाधान भी उचित चिकित्सा इंटरवेंशन और लाइफस्टाइल बदलाव से हो सकता है। महिलाओं को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए जो उन्हें सही दिशा में निर्देशित करेंगे।

 

पीसीओडी के लक्षण (PCOD Symptoms in Hindi):

PCOD के लक्षणों में अनियमित मासिक धर्म और बहुत अधिक ब्लीडिंग हो सकती है। अन्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • बालों की अतिरिक्त वृद्धि।
  • चेहरे, छाती, पेट और पीठ के अन्य हिस्सों पर अत्यधिक बाल उगना।
  • वजन बढ़ना या दुबलापन।
  • मुंहासे और अन्य त्वचा समस्याएं।
  • एक अविकसित अंडाशय से जुड़ी समस्याएं।
  • प्रजनन क्षमता में कमी।

यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ होते हैं, तो आपको एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

 

पीसीओडी के कारण (PCOD Causes in Hindi):

PCOD के कारण अस्थायी नहीं होते हैं बल्कि इससे पहले उनका दौर लंबा होता है। इसलिए, कुछ महत्वपूर्ण कारणों में शामिल हैं:

  • अनियमित और असंतुलित खान-पान और भोजन आदतें।
  • ओबेसिटी या वजन बढ़ना।
  • अल्परूपी खान-पान या तंबाकू और शराब की बुरी आदतें।
  • डायबिटीज और थायराइड की समस्याएं।
  • जैसे कि आंखों, त्वचा और दांतों में संक्रमण जैसी समस्याएं

PCOD के कुछ अन्य कारण शामिल हैं, जैसे गंध की संवेदनशीलता, अत्यधिक स्ट्रेस और नियमित अभ्यास की कमी। इसके अलावा, इसे उत्पन्न करने वाले विशिष्ट कारण अभी भी नहीं पता चले हैं।

इसलिए, यदि आप इन लक्षणों में से कुछ भी अनुभव करते हैं तो एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। डॉक्टर आपकी समस्या का मूल विकार खोजने में मदद करेंगे और आपको सही उपचार प्रदान करेंगे।

 

पीसीओडी की जटिलताएं (Complications of PCOD in Hindi):

PCOD से जुड़ी जटिलताएं निम्नलिखित हैं:

  • प्रजनन क्षमता में कमी।
  • इशुनद्रियता।
  • बढ़ती उम्र के साथ वजन बढ़ना।
  • डायबिटीज और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं।
  • शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ना।
  • अस्तित्वदोष या गर्भावस्था में समस्याएं।

इसलिए, PCOD के लक्षणों के साथ सावधान रहना जरूरी है और यदि आप ऐसा महसूस करते हैं, तो जल्द से जल्द एक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर आपको अपनी समस्या का मूल विकार खोजने में मदद करेंगे और आपको सही उपचार प्रदान करेंगे।

 Also Read: PCOD Problems After Marriage

पीसीओडी से बचाव (Prevention of PCOD in Hindi):

PCOD से बचने के लिए निम्नलिखित टिप्स अपनाएं:

  • स्वस्थ और नियमित खान-पान अनुसार आहार लें।
  • उच्च रसायनों के साथ भोजन से बचें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें और वजन को संतुलित रखें।
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
  • स्ट्रेस को कम करें और नियमित रूप से मेडिटेशन करें।

अधिकतम स्वस्थ फायदों के लिए, इन टिप्स को नियमित रूप से अपनाएं। इसके अलावा, डॉक्टर आपको कुछ दवाइयाँ या औषधि देंगे जो आपकी समस्या को ठीक करने में मदद करेंगे।

आप अपनी सेहत को बेहतर बनाने के लिए उपरोक्त उपायों को अपनाएं और अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराएं। यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ अनुभव होते हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें ताकि आपकी समस्या का मूल विकार खोजा जा सके और उचित उपचार प्रदान किया जा सके।

 

पीसीओडी दवाइयाँ (PCOD Medications in Hindi):

PCOD के उपचार में डॉक्टर आमतौर पर निम्नलिखित दवाइयों का उपयोग करते हैं:

  • औषधियों से असफल रहने पर, गर्भावस्था को बढ़ाने के लिए टेस्टोस्टेरोन या अन्य हार्मोन दवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
  • अनियमित मासिक धर्म को संतुलित करने के लिए ओवरलेट और अन्य मासिक धर्म नियंत्रक दवाओं का उपयोग करते हैं।
  • इन्सुलिन और थायराइड हार्मोन के स्तर को संतुलित करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  • अंडाशय सिस्ट को ठीक करने के लिए समाधान की दवाओं का उपयोग किया जाता है।

कुछ महिलाओं के लिए योग और आहार बदलाव भी फायदेमंद हो सकते हैं। आपको अपने डॉक्टर से चिकित्सा दवाओं के लिए सलाह लेनी चाहिए और याद रखना चाहिए कि डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवा न लें।

 

पीसीओडी का निदान (Diagnosis of PCOD in Hindi):

PCOD का निदान इतना आसान नहीं होता है। अक्सर, डॉक्टर लक्षणों और मरीज के चरित्र के आधार पर इसका निदान करते हैं। निम्नलिख कुछ महिलाओं में, उन्हें अन्य स्त्री रोगों से भी जैसे गर्भाशय के अंग नष्ट होने के लक्षण हो सकते हैं जिससे PCOD की शुरुआती व्यवस्था विश्वासघात कर सकती है। डॉक्टर योनि का जांच करने के बाद सही निदान लगाने में मदद कर सकते हैं।

अगर आप PCOD के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं तो डॉक्टर से जांच करवाना चाहिए। डॉक्टर आपके समस्या का मूल विकार खोजने में मदद करेंगे और उचित उपचार प्रदान करेंगे।

Also Read: PCOD vs PCOS

 

पीसीओडी का उपचार (PCOD Problem Treatment in Hindi):

PCOD के उपचार के लिए निम्नलिखित उपाय किए जाते हैं:

  • दवाओं का उपयोग करें। डॉक्टर असफलता के उपचार के लिए टेस्टोस्टेरोन या अन्य हार्मोन दवाओं का उपयोग कर सकते हैं। अनियमित मासिक धर्म को संतुलित करने के लिए ओवरलेट और अन्य मासिक धर्म नियंत्रक दवाओं का उपयोग करते हैं।
  • अंडाशय सिस्ट को ठीक करने के लिए समाधान की दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  • स्वस्थ आहार लें। यह मुख्य रूप से शुगर, वसा, अन्य बुरे फैट और अनुपयोगी खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने से मदद कर सकता है। स्वस्थ आहार में सब्जी, फल, पूर्ण अनाज, मखाना, ताजा दूध, अदरक और लहसुन जैसे आहार होते हैं।
  • वजन कम करें। वजन कम करने से आपकी शरीर में रोगों से लड़ने के लिए इम्यून सिस्टम मजबूत हो जाता है। अतिरिक्त वजन आपकी शरीर के लिए अनुपयुक्त होता है और यह समस्याएं जैसे डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के लिए एक कारण बन
  • योग और व्यायाम करें। नियमित योग और व्यायाम करने से आपके शरीर में रक्त संचार बढ़ता है जो अंडाशय सिस्टम को स्वस्थ रखता है। साथ ही, इससे आपके शरीर का वजन भी कम होता है।
  • दैनिक जीवन में स्ट्रेस से बचें। अत्यधिक स्ट्रेस आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बुरा प्रभाव डाल सकता है। स्ट्रेस कम करने के लिए आप मेडिटेशन, प्राणायाम या योग आदि तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • नियमित रूप से अपने डॉक्टर से जांच कराएं। अपने डॉक्टर से नियमित रूप से जांच करवाना चाहिए ताकि आपकी समस्या का मूल विकार खोजा जा सके और उचित उपचार प्रदान किया जा सके।

 

पीसीओडी के घेरलू उपचार। (Home Remedies of PCOD):

PCOD के घेरलू उपचार में निम्नलिखित उपाय शामिल होते हैं:

  • कुछ आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करें। कुछ आयुर्वेदिक दवाइयों के उपयोग से PCOD का इलाज किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आंवला जूस, जीरा, मेथी बीज, घी, अश्वगंधा, शताव
  • कच्चे फल और सब्जी का सेवन करें। कच्चे फल और सब्जी में उच्च मात्रा में विटामिन, मिनरल और फाइबर होता है, जो आपके शरीर के लिए बेहद लाभदायक होता है। आप इस तरह के आहार का सेवन कर सकते हैं जैसे सलाद, फल और सब्जी का रस, स्मूदी, खीर, आदि।
  • समय पर नींद लें। नींद के अभाव से आपके शरीर के अन्य हिस्सों की तरह, अंडाशय सिस्टम को भी नुकसान पहुंचता है। सोने से पहले आप शांति की भावना का अनुभव करने के लिए ध्यान या अन्य रिलेक्सेशन तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
  • गरम पानी और अन्य गर्म पदार्थों से दूर रहें। अधिक गरम पानी और अन्य गर्म पदार्थों से दूर रहने से आपकी समस्या में सुधार हो सकता है। अत्यधिक गरम पानी से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए आप नहाने से पहले ठंडे पानी से अपने शरीर को साफ कर सकते हैं।

PCOD से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय लाभदायक हो सकते हैं:

  • नियमित योग और व्यायाम करें।
  • स्वस्थ आहार लें और वजन कम करें।
  • स्ट्रेस से दूर रहें और शांति वाले लाइफस्टाइल को अपनाएं।
  • नियमित जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह लें।
  • अल्कोहल और धूम्रपान से दूर रहें।
  • सुनिश्चित करें कि आपकी समय पर और नियमित मासिक धर्म होता है।
  • समय पर और नियमित नींद लें।
  • गरम वस्तुओं से दूर रहें।

यदि आप PCOD के लक्षण अनुभव कर रहे हैं, तो आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनसे परामर्श करें। वे आपकी समस्या के मूल कारण का पता लगाएंगे और आपके लिए उपयुक्त उपचार का सुझाव देंगे।

 

पीसीओडी में आहार (Diet in PCOD):

PCOD में आहार के लिए निम्नलिखित उपाय उपयोगी हो सकते हैं:

  • विटामिन D से भरपूर आहार लें, क्योंकि यह PCOD में संभवतः कमी होता है।
  • स्वस्थ वस्तुओं का सेवन करें जैसे कि पौष्टिक फल, सब्जियां, अखरोट और मक्खन।
  • विशेष रूप से उबले हुए अंडे, सोयाबीन, चना, मूंग दाल और दूध प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं।
  • जंक फूड से दूर रहें। जंक फूड में बहुत अधिक मात्रा में तला या बिना तला हुआ तेल होता है, जो आपकी समस्या को बढ़ाता है।
  • आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करें, जैसे कि शतावरी, अश्वगंधा और गुग्गुल। आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और PCOD से निपटने में मदद मिलती है।

शायद आपको यह जानना चाहिए कि PCOD में आहार केवल एक अंश होता है और यह केवल उपचार का एक हिस्सा होता है। PCOD के लिए सही उपचार और लाइफस्टाइल बदलाव भी जरूरी होते हैं।

Also Read: PCOD Meaning in Hindi 

 

F.A.Q:

Q: पीसीओडी क्यों हो जाता है?

A: PCOD के निष्कर्ष तय नहीं हैं, लेकिन यह हार्मोनल असंतुलन और आनुवंशिक से संबंधित होने का विश्वास किया जाता है।

Q: पीसीओडी को कैसे ठीक किया जा सकता है?

A: PCOD को उचित चिकित्सा इंटरवेंशन और लाइफस्टाइल बदलाव के द्वारा ठीक किया जा सकता है।

Q: क्या पीसीओडी में प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

A: हाँ, PCOD में महिलाएं गर्भवती हो सकती हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें उचित चिकित्सा इंटरवेंशन की जरूरत हो सकती है।

Q: पीसीओडी और लक्षण क्या हैं?

A: PCOD में, महिलाओं के अंडाशय में छोटी छोटी गांठों या मुख्यतः मल्टीपल सिस्ट बन सकते हैं। इसके अलावा, महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म, वजन बढ़ना, एकने से बढ़ी हुई वृद्धि, शरीर के अनेक हिस्सों में दर्द, अतिरिक्त कैरोजन के निर्माण और बालों की अधिक वृद्धि आदि लक्षण हो सकते हैं।

Q: पीसीओडी का पता कैसे चलता है?

A: PCOD के संबंध में डॉक्टर से सलाह लेना अत्यधिक जरूरी होता है। वे महिला का मेडिकल इतिहास, शारीरिक परीक्षण और टेस्ट करेंगे, जैसे कि हार्मोन स्तर की जांच, उल्ट्रासाउंड और अन्य टेस्ट। इन सभी तत्वों के संयोजन से डॉक्टर PCOD के मौजूदा होने के बारे में जान सकते हैं।

Q: PCOD में क्या क्या खाना चाहिए?

A: PCOD में आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। स्वस्थ आहार शामिल करने से सेहत में सुधार होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है। उबले हुए अंडे, सोयाबीन, चना, मूंग दाल, फल, सब्जियां, अखरोट और मक्खन जैसे स्वस्थ वस्तुओं का सेवन करना उचित होता है। आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन भी उपयोगी हो सकता है।

Q: PCOD में क्या क्या खाना चाहिए?

A: PCOD में आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। स्वस्थ आहार शामिल करने से सेहत में सुधार होता है और वजन कम करने में मदद मिलती है। उबले हुए अंडे, सोयाबीन, चना, मूंग दाल, फल, सब्जियां, अखरोट और मक्खन जैसे स्वस्थ वस्तुओं का सेवन करना उचित होता है। आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन भी उपयोगी हो सकता है।

Q: पीसीओएस किस उम्र में होता है?

A: पीसीओएस किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन आमतौर पर यह युवा और उत्पादक वर्षों के दौरान निदान किया जाता है, जो आमतौर पर 15 से 44 साल के बीच होता है।

Q: पीसीओडी में पीरियड्स क्यों नहीं आते?

A: हार्मोनल असंतुलन के कारण, पीसीओडी में अनियमित पीरियड्स या कई महीनों तक पीरियड्स का न होना एक आम लक्षण होता है।

Q: पीसीओडी को ठीक होने में कितना समय लगता है?

A: पीसीओडी को ठीक होने में समय व्यक्ति के शारीरिक स्थिति और उपचार के आधार पर अलग-अलग होता है। अधिकतर मामलों में, इसके लिए कुछ महीनों या सालों तक का समय लग सकता है।

Q: पीसीओडी के नुकसान क्या हैं?

A: पीसीओडी से महिलाओं में निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं: अनियमित पीरियड्स, अधिक वजन, अंधापन, शरीर के कुछ हिस्सों में बाल उगना, एकाग्रता में कमी और अवसाद।

Q: महिलाओं में पीसीओडी के क्या कारण हैं? A: पीसीओडी के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे अधिक वजन, असंतुलित खान-पान, जीवनशैली के बदलाव, आनुवंशिक विकार और अन्य चिकित्सा समस्याएं।

Q: PCOD कैसे ठीक करें?

A: PCOD का इलाज उपयुक्त दवाइयों, आहार और व्यायाम को संतुलित करने जैसे कई तरीकों से हो सकता है। चिकित्सा के अलावा, कुछ घरेलू उपचार भी इसमें मददगार हो सकते हैं।

Q: पीसीओडी क्या है और इसके लक्षण?

A: पीसीओडी हॉर्मोन के असंतुलन के कारण होने वाली एक समस्या है जिसमें अनियमित पीरियड्स, अधिक वजन, अंधापन, शरीर के कुछ हिस्सों में बाल उगना, एकाग्रता में कमी और अवसाद जैसे लक्षण हो सकते हैं।

Q: पीसीओडी से क्या प्रॉब्लम होती है?

A: PCOD में हार्मोनल असंतुलन के कारण कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे अनियमित पीरियड्स, गर्भधारण में दिक्कत, वजन बढ़ना, एक्ने, बालों का अतिरिक्त उगना, मूड स्विंग्स और डिप्रेशन। PCOD से डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के विकास का खतरा भी बढ़ जाता है।

 

Book Your Appointment

    Dr Mona Dahiya

    Dr Mona Dahiya

    IVF Specialist & Consultant

    Dr Mona Dahiya has performed over 5,000+ IVF cycles and is considered a global expert in IVF, ICSI, IUI and male fertility treatment. She is an eminent writer on Infertility Treatment and has over 100 Publications in both International and National Journals. Dr Mona Dahiya has immensely contributed to the field of infertility through her Research and articles.

    Recent Posts

    Best Infertility Doctors in India

    BEST INFERTILITY DOCTORS IN INDIA India's top infertility doctors are renowned globally for their expertise, driven by comprehensive training, vast experience, and a profound impact on fertility research. These professionals are recognized for: Years of Experience:...

    Complete Guide to ICSI IVF

    What is ICSI Intracytoplasmic Sperm Injection? For individuals facing infertility, ICSI is a specialized form of IVF that significantly increases pregnancy chances, especially with male infertility concerns. ICSI procedure involves directly injecting a single sperm...

    INTRODUCTION PCOS & FEMALE INFERTILITY

    Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) is a common yet often misunderstood condition, affecting approximately 1 in 10 women of reproductive age worldwide. Characterized by a combination of symptoms that can include irregular menstrual cycles, excess androgen levels, and...

    CUTTING EDGE FERTILITY TREATMENTS

    FOREWORD | CUTTING EDGE FERTILITY TREATMENTS Infertility has emerged as a significant global health issue which is known to affect approximately 10-15% of couples worldwide. In the past decade, India has become a premier destination for fertility treatments for...

    Female Infertility Causes and Treatment

    Little Angel IVF: Unveiling the Mysteries of Female Infertility - Causes and Treatment Insights Female Infertility Causes and Treatment here - Embarking on the journey of parenthood can be challenging, especially when faced with the complexities of female infertility....

    Affordable IVF Cost in India for Families

    IVF, while intricate and costly is more affordable in India compared to Western countries, making it a popular destination for medical tourism. The cost of IVF in India varies based on factors like age, fertility issues, medical history and the number of cycles...

    HSG Tests in Noida

    HSG TESTS IN NOIDA Hysterosalpingography (HSG) is a vital diagnostic tool in the realm of female fertility evaluation. Little Angel IVF stands as a recognized name for conducting HSG tests in Noida with precision and care. An HSG test is a specialized X-ray procedure...

    Who is the best doctor for Infertility Treatment in India

    WHICH DOCTOR IS BEST FOR INFERTILITY TREATMENT IN INDIA Dr. Mona Dahiya is a renowned and highly respected medical professional specializing in the field of infertility treatment. With her vast knowledge, expertise, and compassionate approach, Dr. Dahiya has gained...

    Top 10 Best IVF Centres in india with high success rate in 2024

    INTRODUCTION: TOP 10 IVF CENTRES IN INDIA The journey to parenthood is not always straightforward, and for couples facing infertility, seeking professional help from reputable IVF (In Vitro Fertilization) ivf centres in  India can provide hope and assistance. India...

    Who Can Go for IVF Treatment?

    Introduction: Who Can Go for IVF Treatment? IVF is ideal for couples facing infertility due to factors like blocked fallopian tubes, male infertility, age-related issues, or genetic disorders. It is also recommended for those with unexplained infertility, after...