IVF Full Form in Hindi – IVF ka Full Form

by | Feb 26, 2023 | IVF

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IVF क्या है (IVF Full Form in Hindi)?

IVF Full Form in Hindi: “इन विट्रो फर्टिलाइजेशन”/”In Vitro Fertilization” होता है। इसमें उत्तेजित शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय के बाहर अधिकांशतः उपलब्ध अंडों के साथ मिलाया जाता है। इसके बाद, अंडे जोड़कर एक बच्चा बनाने के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग करके अविष्कृत किए जाते हैं। यह एक प्रभावी तकनीक है जो बाल्यवस्था के बाद तथा अन्य प्रकार की बाधाओं के कारण प्राकृतिक रूप से गर्भाधान करने में असमर्थ महिलाओं के लिए बनाई गई है।

IVF ka Full Form (IVF in Hindi):

आईवीएफ यानि “इन विट्रो फर्टिलाइजेशन” एक प्रजनन तकनीक है जो कि जुड़वां, कुछ स्त्रियों की समस्याओं, अनियमित माहवारी, बंधी हुए नस या नसों की कमी, अधिक उम्र और अन्य उत्पादन संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए उपयोग की जाती है। इस तकनीक के द्वारा महिलाओं के अंडाशय से अंडों को निकाला जाता है और पुरुषों के शुक्राणुओं से अंडों को गर्भाधान करने के लिए उनके साथ लगाया जाता है। इसके बाद इन अंडों को एक पेट्री डिश में स्थापित किया जाता है जहाँ उन्हें एक शरीर के अंदर फलने वाले बच्चे के विकास के लिए बढ़ाया जाता है।

IVF की आवश्यकता कब होती है (When Is IVF Needed In Hindi)?

IVF तकनीक असामान्य गर्भाधान के लिए जोड़ी जाने वाली बाधाओं के कारण उपलब्ध होती है। यहां कुछ सामान्य कारण दिए जा रहे हैं जो IVF की आवश्यकता को समझाते हैं:

  1. महिलाओं में अंडाशयों की असामान्य गतिविधियों से पीड़ित होना।
  2. शुक्राणुओं में असामान्य गतिविधियों से पुरुषों में असमर्थता।
  3. अनेक बार नाकारा गर्भाधान।
  4. गर्भाशय या अंडाशय के कैंसर रोग के कारण

 

IVF प्रक्रिया क्यों की जाती है? (Why IVF is Done?)

IVF तकनीक का उपयोग जब किया जाता है जब प्राकृतिक रूप से गर्भाधान करने में असमर्थता होती है। IVF तकनीक असामान्य गर्भाधान के कारणों का पता लगाने के लिए अनुसंधान भी करता है। इस तकनीक में महिलाओं को अनुसंधान करने के लिए भी उपयोग किया जाता है ताकि वे अंडाशयों और गर्भाशय की स्वस्थता का पता लगा सकें।

 

IVF के लिए खुद को कैसे तैयार करें (How to Prepare For IVF Treatment In Hindi)

इस तकनीक से गर्भाधान करने से पहले, महिलाओं को अपने शारीर को तैयार करना होगा। कुछ महत्वपूर्ण टिप्स निम्नलिखित हैं:

  1. समय से पहले अपने डॉक्टर से जांच करवाएं और अपनी स्वास्थ्य जांच करवाएं।
  2. नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ भोजन लें।
  3. धूम्रपान या शराब न पिएं।
  4. अपने शरीर को तनावमुक्त रखें और अच्छी नींद लें।
  5. अपनी दवाओं का सेवन नियमित रूप से करें।

 

IVF से पहले पुरुष की जांच (Tests For Man Before IVF Treatment In Hindi)

पुरुषों के लिए, निम्नलिखित टेस्ट IVF से पहले जरूरी होते हैं:

  1. स्पर्म टेस्ट: इस टेस्ट में स्पर्म की संख्या, आकार और गति की जांच की जाती है।
  2. टेस्टोस्टेरोन टेस्ट: इस टेस्ट में पुरुषों के टेस्टोस्टेरोन के स्तर की जांच की जाती है।
  3. वायरस टेस्ट: IVF प्रक्रिया के दौरान वायरसों के लिए टेस्ट किया जाता है।

 

IVF से पहले महिला की जांच (Tests For Woman Before IVF Treatment In Hindi)

  1. महिलाओं के लिए निम्नलिखित टेस्ट IVF से पहले जरूरी होते हैं:
  2. रक्त परीक्षण: इसमें महिलाओं के रक्त की जांच की जाती है।
  3. यौन संबंधित बीमारियों की जांच: महिलाओं के लिए सामान्य चेकअप के अलावा यौन संबंधित बीमारियों की जांच की जाती है।
  4. अंडाशय जांच: अंडाशय की जांच में संक्रमण या ट्यूमर के लक्षणों की जांच की जाती है।
  5. गर्भाशय जांच: गर्भाशय की जांच में उत्तर मुख, उत्तर मुख की गति और गर्भाशय की बनावट की जांच की जाती है।
  6. हॉर्मोन टेस्ट: महिलाओं के हॉर्मोन स्तर की जांच

 Also Read: IVF Kya Hai | IVF Process Step by Step in Hindi

IVF प्रक्रिया किस प्रकार की जाती है? (IVF Procedure in Hindi)?

आईवीएफ ट्रीटमेंट एक प्रकार का अस्सिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) है जिसमें महिला के अंडों और पुरुष के शुक्राणुओं को लैब में मिलाकर उनको एक पेट्री डिश में फ्यूज कर दिया जाता है। उसके बाद बच्चे के विकास को पूरा करने के लिए पेट्री डिश को एक अधिततम समय तक उचित वातावरण में रखा जाता है।

IVF प्रक्रिया निम्नलिखित प्रकार की जाती है:

  1. स्टिमुलेशन
  2. अंडाशोधन
  3. स्पर्म उत्पादन और संग्रहण
  4. गर्भाशय के अंदर अंडा और स्पर्म का परिवेशान
  5. बीच की पूर्ति
  6. अंडे के उत्पादन के बाद टेस्ट करना

IVF प्रक्रिया के चरण (IVF Procedure Steps in Hindi):

  1. स्टिमुलेशन: पहली चरण में, महिला को अंडाशयों में अधिक से अधिक अंडे उत्पन्न करने के लिए हॉर्मोनों का एक संशोधित मिश्रण दिया जाता है। इससे उनकी गर्भाशय में अधिक से अधिक एग्ग उत्पन्न होते हैं जो अगले चरण में इस्तेमाल किए जाएंगे। इस चरण में डॉक्टर के द्वारा रोजाना महिला की जांच की जाती है ताकि उनकी हालत का निरीक्षण किया जा सके।
  1. अंडाशोधन: दूसरे चरण में, डॉक्टर महिला के अंडाशयों से अंडे निकालते हैं। इसके लिए एक नोजल के माध्यम से स्कैन किया जाता है जो उनके अंदर आकार, संख्या और गुणवत्ता का मूल्यांकन करता है। एक नोजल में एक नीडल उपयोग करके, अंडों को निकाला जाता है। इस चरण के बाद, अंडे प्राप्त किए जाते हैं जो अगले चरण में उपयोग के लिए संग्रहीत किए जाते हैं।
  1. स्पर्म उत्पादन और संग्रहण: तीसरे चरण में, पुरुष से उनके स्पर्म लेने के लिए एक संभावित संग्रहण कराया जाता है। संग्रहण के लिए पुरुषों को आमतौर पर उनकी स्वतंत्र विधि से मनाया जाता है। संग्रहित स्पर्म को फिर से तैयार किया जाता है जिसमें शुद्धिकरण, अलगाव और संशोधन शामिल होते हैं।
  1. गर्भाशय के अंदर अंडा और स्पर्म का परिवेशान: चौथे चरण में, अंडों और संशोधित स्पर्म को लैब में मिलाया जाता है ताकि उन्हें अंडे के अंदर प्रवेश करने के लिए तैयार किया जा सके। इस प्रक्रिया को “इंजेक्शन” या “इंजेक्शन ऑफ जीवाणु” कहा जाता है।
  1. बीच की पूर्ति: पांचवें चरण में, बीच की पूर्ति यानि अंडे के अंदर स्पर्म के प्रवेश के बाद बीच में फ्यूज किए गए एग का पता लगाने के लिए अंडे को एक लेजर से स्कैन किया जाता है।
  1. अंडे के उत्पादन के बाद टेस्ट करना: छठे चरण में, अंडे के उत्पादन के बाद वे एक विशेष पर्य वेक्षण करने के लिए अंडे को लेब में रखा जाता है। लेब द्वारा अंडों की गुणवत्ता की जांच की जाती है।
  1. उत्पादित एम्ब्रियों को स्टोर करना: यदि एक या एक से अधिक अंडे उत्पादित एम्ब्रियो के रूप में संगठित होते हैं, तो वे उत्पादित एम्ब्रियो के रूप में स्टोर किए जाते हैं। उत्पादित एम्ब्रियो की संख्या अलग-अलग अस्पतालों में विभिन्न हो सकती है।
  2. एम्ब्रियो का उत्तरोत्तर अंगीकरण: आखिरी चरण में, सफलतापूर्वक उत्पादित एम्ब्रियो को माता के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है। इस प्रक्रिया को “एम्ब्रियो ट्रांसफर” कहा जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर एक संदर्भ में कई एम्ब्रियो के बीच की एक तरह से प्रतियोगितात्मक प्रक्रिया होती है, ताकि वे सबसे बेहतर एम्ब्रियो का चयन कर सकें।

इस तरह, IVF प्रक्रिया संभवतः सबसे संवेदनशील और उच्चतम संभव प्रजनन समाधानों में से एक है। यह विवादास्पद हो सकता है, लेकिन यह वास्तव में एक आश्चर्यजनक विज्ञानी उपलब्धि है जो वर्तमान समय में कुछ जोड़ों को अपनी गर्भधारण क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह समझना महत्वपूर्ण होता है कि यह एक समय-सीमित और बहुत कठिन विधि है जो फलस्वरूप निश्चित रूप से सभी के लिए उपलब्ध नहीं होती है। यदि आप आईवीएफ या किसी अन्य प्रजनन समस्या के बारे में चिंतित हैं, तो एक प्रजनन विशेषज्ञ से संपर्क करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वे आपकी समस्या का समाधान तलाशने और उसे दूर करने के लिए आपकी मदद कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया के दौरान, इंजेक्शन, स्कैनिंग, अंडों के निकालने और बच्चों के परिपक्व होने तक कई चरण होते हैं। इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए, एक विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ चिकित्सा करना बहुत जरूरी होता है।

 

IVF ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है?(How is IVF Treatment done in Hindi?)

IVF ट्रीटमेंट कई चरणों में किया जाता है। पहले चरण में, महिला को अधिसूचित दवाओं के उपयोग से अंडों की उत्पत्ति स्टिमुलेट किया जाता है। उसके बाद उनके अंडों को एक स्पेशल न्यूनतम नॉर्मल से कुछ दिन पहले निकाला जाता है। निकाले गए अंडों को एक पेट्री डिश में रखा जाता है और उन्हें उत्तेजित करने के लिए शुक्राणुओं को उनके साथ मिलाया जाता है।

  1. अंडाशयों की स्टिमुलेशन: इस प्रक्रिया में, महिला को दवाइयों का एक अवधान दिया जाता है जो उनके अंडाशयों को स्टिमुलेट करती हैं जिससे उनमें एक से अधिक अंडे विकसित होते हैं। यह दवाएं महिला के उम्र, मेडिकल हिस्ट्री और अन्य फैक्टर्स के आधार पर पर्याप्त मात्रा में दी जाती हैं। इस चरण में महिला के अंडाशयों की वृद्धि को मॉनिटर करने के लिए वे नियमित अंतरालों पर स्कैन किए जाते हैं।
  1. अंडों की प्राप्ति: जब अंडाशयों के स्टिमुलेशन के दौरान अंडे परिपक्व हो जाते हैं, तो एक स्पेशल नीडल के द्वारा अंडाशयों से अंडे निकाले जाते हैं। इस स्पर्म के साथ लड़के के बुनियादी उपदानों का इस्तेमाल निकाले गए अंडे एक पेट्री डिश में रखे जाते हैं और उन पर स्पर्म को जमा किया जाता है। यह स्पर्म अंडे से एक या एक से अधिक बुनियादी उपदानों के साथ मिलाया जाता है।
  2. जिन अंडों को शुद्ध किया जाता है उन्हें लाभान्वित किया जाता है: इस प्रक्रिया में एक शुद्धिकरण विधि का इस्तेमाल किया जाता है जो अंडों को शुद्ध करती है। इसके बाद, अंडे धीमी तेजी से उनकी विकास वाली अवस्था में हो जाते हैं।
  3. एमब्रियो ट्रांसफर: जब अंडे विकसित हो जाते हैं और शुद्धिकृत हो जाते हैं, तब उन्हें लाभान्वित किया जाता है। इस प्रक्रिया में लाभान्वित अंडों को महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। एक या एक से अधिक लाभान्वित अंडे ट्रांसफर किए जाते हैं जो गर्भाशय की दीवार से छिपकर जमा होते हैं। इसके बाद, उन अंडों को लगभग 12 दिन तक धीमी तेजी से विकसित होनते हुए देखा जाता है ताकि यह जांच किया जा सके कि कौन से अंडे उच्च गुणवत्ता वाले एमब्रियों के रूप में विकसित हो रहे हैं।
  4. गर्भाधान के लिए अधिगमन: यदि लाभान्वित अंडों का अधिगमन सफलतापूर्वक होता है, तो महिला गर्भवती होती है। यह आमतौर पर 2-3 सप्ताह के बाद जांच की जाती है ताकि गर्भाधान की पुष्टि की जा सके। यह प्रक्रिया आमतौर पर एक सिक्के की दोनों तरफ अंदर से बुनियादी उपदानों को निकालने के लिए कई प्रयोगों के माध्यम से संचालित की जाती है। इस प्रक्रिया का अधिक अध्ययन और अनुसंधान किया जा रहा है ताकि इसे और अधिक संभव बनाया जा सके जो विवादास्पद और चुनौतीपूर्ण है।

IVF (In vitro fertilization) कोई आम तरीका नहीं है, जिससे जुड़े बहुत से फायदे होते हैं। IVF से लोगों को संतान प्राप्ति में मदद मिलती है जिससे वे अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं। इसके साथ ही इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी होते हैं जो कुछ हद तक कम हो सकते हैं।

Also Read: What is IVF | How IVF Treatment is Done?

IVF के फायदे (Benefits Of IVF In Hindi)

  • संतान प्राप्ति में सहायता: IVF वे परिवार जो बच्चे प्राप्त नहीं कर पाते हैं, उन्हें संतान प्राप्ति में मदद करता है। यह सबसे बड़ा फायदा है।
  • अधिक असरदार: IVF अन्य उपायों से अधिक असरदार होता है, जिससे संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है।
  • अन्य समस्याओं को दूर करता है: अगर महिला की गर्भाशय की नस बंद हो जाए तो IVF इस समस्या को दूर करने में मदद करता है।
  • जीनेटिक स्क्रीनिंग: IVF के जरिए गर्भावस्था के दौरान बच्चे में जीनेटिक समस्याओं की जांच की जा सकती है।
  • भविष्य की सुरक्षा: IVF से बच्चे की भविष्य की सुरक्षा की गारंटी होती है।

 

IVF के साइड इफेक्ट्स (Risks Of IVF In Hindi)

  • दर्द: IVF के दौरान योनि में दर्द और तनाव की समस्या हो सकती है।
  • उतेजना: इस प्रक्रिया में इलाज के दौरान महिला को बहुत अधिक उतेजना का सामना करना पड़ सकता है।
  • मल विसर्जन: IVF के दौरान महिलाओं को दवाओं का उपयोग करना पड़ता है जो मल विसर्जन को बंद कर सकती हैं।
  • संक्रमण: IVF के दौरान जब एग्ग या एम्ब्रियो उत्तर दिए जाते हैं तो संक्रमण की संभावना होती है।
  • गर्भाधान के बाद ब्लीडिंग: IVF के दौरान जब एग्ग या एम्ब्रियो उत्तर दिए जाते हैं तो गर्भाधान के बाद ब्लीडिंग की संभावना होती है।

Also Read : Is IVF Treatment Safe? | What are the Risks of IVF?

IVF लागत? (IVF Cost in India):

IVF का मूल्य भारत में विभिन्न होता है, लेकिन सामान्यतः इसका कॉस्ट 2 लाख से 4 लाख रुपये के बीच होता है। यह मूल्य विभिन्न कारणों पर निर्भर करता है, जैसे कि आपकी उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, चिकित्सा इत्यादि। इसके अलावा, इसकी लागत में और भी कई खर्च होते हैं, जैसे जीनेटिक स्क्रीनिंग, एग्ग डोनेशन, स्पर्म बैंक से स्पर्श करवाने आदि। इसलिए, IVF की लागत आमतौर पर यह अधिक होती है जब दोनों पति-पत्नि को इस प्रक्रिया के लिए चुना जाता है।अधिकतम कीमत के अलावा, यह भी याद रखना चाहिए कि इस प्रक्रिया के बाद गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त चिकित्सा खर्चों की संभावना होती है।

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IVF के बाद किन बातों का ध्यान दें (Things to Do After IVF Treatment In Hindi)

IVF के बाद कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। इस प्रक्रिया के बाद आप थकान महसूस कर सकते हैं और इसलिए आपको अपने शरीर की सुरक्षा के लिए खुद को आराम देने की आवश्यकता होती है। यहां इस प्रकार के कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. आराम करें: आपके शरीर को अपने बच्चे को स्थान देने के लिए समय लगता है। इसलिए, इस अवधि में आपको अपने शरीर के लिए खुद को आराम देने की आवश्यकता होती है। आप नियमित रूप से आराम करें और अधिक से अधिक समय नींद लें।
  2. आहार: आपको अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए जो आपके बच्चे के विकास के लिए आवश्यक होते हैं। आपको विशेष रूप से प्रोटीन और विटामिन शामिल करने की सलाह दी जाती है।
  3. तंदुरुस्त रहें: आपको इस अवधि में बीमारियों से दूर रहने की जरूरत होती है। आपको बीमारियों से बचने के लिए नियमित रूप से हाथ धोने कआई वी एफ उपचार के बाद सावधानियां:
  4. खुश रहें: आई वी एफ उपचार से पहले और उपचार के दौरान स्त्री को तनाव और चिंता से दूर रहना चाहिए। इसलिए, उपचार के बाद स्त्री को सकारात्मक सोच और संतुलित दिनचर्या बनाए रखना चाहिए।
  5. खाद्य संबंधी सावधानियां: आई वी एफ उपचार के बाद स्त्री को संतुलित आहार लेना चाहिए। उन्हें अपनी डाइट में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फल और सब्जी शामिल करना चाहिए। समान रूप से, वे तली चीजों, गैस उत्पादक आहार और जलपान से बचना चाहिए।
  6. दिनचर्या: आई वी एफ उपचार के बाद स्त्री को सक्रिय रहना चाहिए और व्यायाम करना चाहिए, लेकिन उन्हें भारी वजन नहीं उठाना चाहिए। भारी वजन उठाने से उनकी गर्भधारण क्षमता प्रभावित हो सकती है। साथ ही, स्त्रियों को सीधे सोने और झुकाव से बचना चाहिए।

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आई वी एफ के बाद सावधानी? (What To Do Take Care After IVF?)

आई वी एफ के बाद इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. आराम और खुशी: इस उपचार के बाद आपको अपने शरीर को आराम देना चाहिए और स्ट्रेस से दूर रहना चाहिए। आपके और आपके पति के बीच खुशी के माहौल को बनाए रखना चाहिए।
  2. जीवनशैली बदलाव: अपनी जीवनशैली में थोड़े से बदलाव लाने से आपकी इस उपचार की सफलता में मदद मिल सकती है। आपको स्वस्थ आहार लेना चाहिए और नियमित व्यायाम करना चाहिए।
  3. दवाओं का सेवन: डॉक्टर द्वारा दी गई सभी दवाओं का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।
  4. डॉक्टर की सलाह: इस उपचार के बाद डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपनी देखभाल करना चाहिए। यदि कोई समस्या या असुविधा होती है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  5. प्रणय जीवन: इस उपचार के बाद एक सप्ताह तक प्रणय जीवन से दूर रहना चाहिए।

 

IVF में दर्द होता है? (Is IVF Painful?)

आमतौर पर, आईवीएफ का प्रोसेस दर्दनाक नहीं होता है। यह एक अमोघ प्रक्रिया है जो ज्यादातर महिलाओं के लिए निर्माणीय होती है। हालांकि, कुछ महिलाओं को इस प्रक्रिया के दौरान थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है। इसलिए, डॉक्टरों द्वारा संबंधित महिलाओं को आराम देने की सलाह दी जाती है जिससे इसके दौरान उन्हें ज्यादा दर्द न हो।

कुछ महिलाओं को आईवीएफ के बाद थोड़ा दर्द और सुन्नपन का अनुभव होता है जो कुछ घंटों तक चलता है। लेकिन यह दर्द आमतौर पर सामान्य और जल्दी से ठीक हो जाता है।

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आई वी एफ के बाद सावधानी? (What To Take Care After IVF?)

आईवीएफ के बाद, यह जरूरी होता है कि आप अपनी सेहत और अपने शरीर की देखभाल को ध्यान में रखें। आईवीएफ एक सामान्य और सुरक्षित प्रक्रिया होती है, लेकिन इसके बाद आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. उत्तम आहार: आपको अपने आहार में फल, सब्जियां, अनाज, और पौष्टिक तत्वों से भरपूर भोजन शामिल करना चाहिए। आपको खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए जो आपके सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  2. विश्राम: अपने शरीर को पूरी तरह से आराम देना चाहिए। आपको अधिक से अधिक विश्राम लेना चाहिए और अपनी शारीरिक गतिविधियों को सीमित रखना चाहिए।
  3. दवाओं का सेवन: अपनी दवाओं को नियमित रूप से लें और अपने डॉक्टर के दिए गए निर्देशों का पालन करें।
  4. संतुलित जीवनशैली: आपको संतुलित जीवनशैली अपनानी चाहिए। अपने खाने के शेड्यूल, नींद, और शारीरिक गतिविधियों को समय पर लें।
  5. दूरी बनाए रखें: इन्फेक्शन से बचने के लिए आपको संक्रमण से दूर रहना चाहिए। घर में बैठने के अलावा बाहर जाने से बचें, अधिक संख्या में लोगों से दूरी बनाए रखें और स्वच्छता का ध्यान रखें।
  6. धैर्य रखें: आपको अपने दिमाग को शांत रखना चाहिए और अपनी सेहत को लेकर परेशान न होना चाहिए। आईवीएफ के बाद शारीरिक और भावनात्मक बदलाव हो सकते हैं, इसलिए धैर्य रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
  7. अनुमोदित गतिविधियों का सेवन: आप अपने डॉक्टर से पूछें कि आपको कौन से गतिविधियां करनी चाहिए या नहीं करनी चाहिए। उनके अनुमोदन के बिना अधिक शारीरिक गतिविधियों का सेवन न करें।

अंत में, यदि आपको कोई चिंता होती है, तो आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। आपके डॉक्टर आपको उचित देखभाल और निर्देश प्रदान करेंगे ताकि आपकी सेहत और आपके बच्चे दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

 Also Read: What Is IVF Process/Procedure & How IVF Works?

IVF उपचार के लिए कितने इंजेक्शन? (How Many Injectios After IVF?)

IVF उपचार में विभिन्न दवाओं के इंजेक्शन की जरूरत होती है। यह इंजेक्शन अंडे के विकास और अंडोषय की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। उपचार के लिए इंजेक्शनों की संख्या और विवरण आपकी विशेष परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं और आपके डॉक्टर द्वारा तय किए जाते हैं। आमतौर पर, IVF उपचार में लगभग 8 से 14 दिन तक अंडों के विकास को समर्थित करने के लिए अंडोषय स्टिमुलेशन दवाओं का उपयोग किया जाता है। इन दवाओं में एफएच, ल्यूप्रोन, मेनोट्रॉपिन और गोनाडोट्रोपिन शामिल हो सकते हैं। आमतौर पर, इस दौरान आपको दिन में दो से तीन बार इंजेक्शन देने की आवश्यकता होती है। आप इन इंजेक्शनों को अपने खुद के द्वारा घर पर भी लगा सकते हैं, या अपने डॉक्टर के सुझाव और निर्देशों के अनुसार भी यह काम करवा सकते हैं। अंडोषय स्टिमुलेशन दवाओं के बाद, अंडों को हर दिन नियमित अंतराल पर मापा जाता है।

 

F.A.Q:

 

Q. आईवीएफ में कितना खर्च आता है?
A. आईवीएफ का खर्च देश और क्लिनिक से भिन्न हो सकता है। आमतौर पर, आईवीएफ के लिए खर्च लाखों रुपये हो सकते हैं।

Q. आईवीएफ कब किया जाता है?
A. आईवीएफ कब किया जाता है, यह महिला के मासिक धर्म के आखिरी दिन से शुरू होता है।

Q. . आईवीएफ ट्रीटमेंट में क्या किया जाता है?
A. आईवीएफ ट्रीटमेंट में, महिला के अंडों को अलग कर उन्हें पुरुष के शुक्राणु से विलय किया जाता है। इसके बाद, शिशु के विकसित होने तक प्राकृतिक रूप से बढ़ते और फिर उन्हें लगातार देखभाल के दौरान महिला के गर्भ में रखा जाता है।

Q. क्या IVF से लड़का पैदा हो सकता है?
A. हां, आईवीएफ के माध्यम से लड़का और लड़की दोनों को पैदा किया जा सकता है।

Q. IVF बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना पड़ता है?
A. IVF तकनीक एक अस्थायी प्रक्रिया होती है, जो एक विशेष समयावधि के दौरान प्रभावी होती है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत, एक उर्वरक एग और शुक्राणु को प्राप्त किया जाता है और उन्हें पेट्री डिश में मिलाकर जमा किया जाता है। जब उर्वरक एग अंडा शुक्राणु से जुड़ जाता है, तो यह फर्टिलाइजेशन के लिए उपयुक्त होता है। फिर, फर्टिलाइज्ड एग को एक और स्त्री या गर्भवती महिला के गर्भ में न्यूनतम 3-5 दिन तक जमा किया जाता है। इस तरीके से, एक बार IVF की प्रक्रिया के माध्यम से कई बच्चे पैदा करने की संभावना होती है, लेकिन यह निर्भर करता है कि महिला के शरीर का प्रतिरोध किस मात्रा में होता है।

Q. क्या IVF से लड़का पैदा हो सकता है?
A. हाँ, IVF से लड़का या लड़की दोनों पैदा हो सकते हैं। यह आपके बीजों और अंडों की गुणवत्ता और उनके अनुपात पर निर्भर करता है।

Q. बच्चे पैदा करने के लिए कितनी बार करना पड़ता है?
A. यह निर्भर करता है कि स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर में क्या समस्याएं हैं और कैसे इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। आमतौर पर, इस प्रकार के उपचार के लिए एक से दो बार अधिक प्रयास किए जाते हैं।

Q. सबसे अच्छा आईवीएफ सेंटर कौन सा है?
A. आपके शहर या आस-पास के क्षेत्र में अच्छे आईवीएफ सेंटर हो सकते हैं। इन सेंटरों की उचितता, विशेषज्ञों की जानकारी, और उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर आप एक अच्छा सेंटर खोज सकते हैं।

Q. टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ में क्या अंतर होता है?
A. टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ दोनों आपको एक बच्चे की प्राप्ति में मदद करते हैं, लेकिन ये दोनों अलग अधिकतम मामलों में, IVF ट्रीटमेंट का लगभग 3 से 6 महीने तक इंतजार करना पड़ता है, ताकि आपके शरीर की स्थिति और विवरण की जांच की जा सके। IVF की सफलता दर बहुत सी चीजों पर निर्भर करती है, जैसे कि उम्र, अवधि, गर्भाशय की स्वस्थता, और सामान्य स्वास्थ्य और शराब और धूम्रपान जैसी खराब आदतों का त्याग।

Q. आईवीएफ के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है?
A. IVF ट्रीटमेंट के बाद, यदि सफलता मिलती है, तो गर्भावस्था कुछ हफ्तों के भीतर होना शुरू हो सकती है। आमतौर पर, डॉक्टरों द्वारा एक अंतिम रिपोर्ट के लिए आपको जाँच करने के लिए एक सप्ताह बाद आपको बुलाया जाता है।

Q. आईवीएफ फेल होने के बाद आपके शरीर का क्या होता है?
A. आईवीएफ का फेल होना बहुत दुखद होता है। इसके बाद आपका शरीर अपनी सामान्य स्थिति में लौट आता है और आपको अपने डॉक्टर के सलाह के अनुसार आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए।

Q. आईवीएफ कितने दिन में होता है?
A. आईवीएफ प्रक्रिया में आमतौर पर ४० दिन तक लगते हैं।

Q. आईवीएफ की पूरी प्रक्रिया क्या है?
A. आईवीएफ की पूरी प्रक्रिया में अंडाशय से अंडे निकाले जाते हैं, फिर शुक्राणु के साथ लड़के या लड़कियों को जोड़ा जाता है, और फिर उन्हें दोबारा अंडाशय में लगाया जाता है।

Q. आईवीएफ ट्रीटमेंट में कितने स्टेप होते हैं?
A. आईवीएफ ट्रीटमेंट में कुल १० से १२ स्टेप होते हैं।

Q. आईवीएफ में कितने इंजेक्शन लगते हैं?
A. आईवीएफ में सामान्यतः १० से १२ इंजेक्शन लगते हैं।

Q. आईवीएफ फेल क्यों होता है?
आईवीएफ फेल होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अंडाशय की समस्या, शुक्राणु की संख्या में कमी, या फिर A. उम्र के कारण।

Q. आईवीएफ फेल होने के बाद आपके शरीर का क्या होता है?
A. आईवीएफ फेल होने के बाद आपके शरीर में कोई बदलाव नहीं होता ह

Q. सबसे अच्छा आईवीएफ सेंटर कौन सा है?
A. आईवीएफ के लिए सबसे अच्छे सेंटर की जांच करने के लिए आप विभिन्न सेंटरों का तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं। आप एक अनुभवी डॉक्टर से भी परामर्श ले सकते हैं।

Q. आईवीएफ के बाद क्या सावधानी रखनी चाहिए?
A. आईवीएफ के बाद आपको खुद को आराम देने की आवश्यकता होती है। आपको भारी वजन उठाने से बचना चाहिए और शारीरिक गतिविधियों को कम करना चाहिए।

Q. क्या आप पीरियड के 3 दिन में आईवीएफ शुरू कर सकती हैं?
A. हाँ, आप पीरियड के तीसरे दिन से आईवीएफ ट्रीटमेंट शुरू कर सकती हैं।

Q. IVF से पहले कौन सी दवा दी जाती है?
A. आईवीएफ से पहले, हार्मोनल दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। ये दवाएं अंडाशय के अंदर अंडों की मैट्यूरेशन को बढ़ाने में मदद करती हैं।

Q. आईवीएफ से बच्चा कैसे पैदा होता है?
A. आईवीएफ में, महिला के अंडाशय से उनके अंडे निकाले जाते हैं और उन्हें प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ गर्भाधान किया जाता है। यह प्रक्रिया इन विट्रो फर्टिलाइजेशन कहलाती है। उत्पन्न हुए अंडे, या भ्रूण, फिर महिला के गर्भाशय में स्थापित किए जाते हैं, जहां वे उत्पन्न होने के लिए विकसित हो सकते हैं।

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    Dr Mona Dahiya

    Dr Mona Dahiya

    IVF Specialist & Consultant

    Dr Mona Dahiya has performed over 5,000+ IVF cycles and is considered a global expert in IVF, ICSI, IUI and male fertility treatment. She is an eminent writer on Infertility Treatment and has over 100 Publications in both International and National Journals. Dr Mona Dahiya has immensely contributed to the field of infertility through her Research and articles.

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