PCOS Kya Hota Hai? | PCOS Test Kaise Hota Hai?

by | Feb 25, 2023 | PCOS

PCOS क्या है?

PCOS, अर्थात पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, एक सामान्य हार्मोनल विकार है जो प्रजनन आयु की महिलाओं को प्रभावित करता है। अनुमान लगाया जाता है कि लगभग 10-15% प्रजनन आयु की महिलाओं को PCOS का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, PCOS के बारे में अभी भी बहुत संदेह और गलतफहमियां हैं। इस लेख में, हम PCOS क्या होता है, इसके लक्षण, कारण, टेस्टिंग, उपचार विकल्प और आहार चार्ट पर चर्चा करेंगे। आइये जाने PCOS Kya Hota Hai –

 

पीसीओएस क्या होता है/PCOS Kya Hota Hai? (What is PCOS)?

PCOS (Polycystic Ovary Syndrome) एक हार्मोनल विकार है जो महिलाओं को प्रजनन आयु में प्रभावित करता है। इसमें, महिलाओं के शरीर में अतिरिक्त अंडों के विकास के कारण अनेक समस्याएं हो सकती हैं। PCOS से प्रभावित महिलाओं की अंडाशय में अतिरिक्त अंडे बनते हैं, जो फिर अंडाशय के बाहर की तरफ नहीं निकलते हैं।

पीसीओएस एक महिलाओं में सामान्य रूप से देखे जाने वाले एक रोग है जो उनके अंतर्नाली में गर्भाशय के पास स्थित अंडाशय (ovaries) में असामान्य रूप से अधिक अंडे (eggs) बनने के कारण होता है। यह एक सामान्य मुद्दा नहीं होता है और समस्या के रूप में समझी जाती है। यह समस्या आमतौर पर महिलाओं के जीवन के अंतिम दिनों तक रहती है।

इसके फलस्वरूप, अंडाशय के आकार में बदलाव होते हैं और इससे महिलाओं को विभिन्न समस्याएं होती हैं।

 

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण/PCOS ke lakshan in Hindi? (PCOS SYMPTOMS):

PCOS के लक्षण महिलाओं के शरीर में अधिक हार्मोन के कारण होते हैं। कुछ महिलाओं में ये लक्षण अधिक दिखाई देते हैं, जबकि कुछ महिलाओं में इन लक्षणों का अनुभव कम होता है।

  1. अनियमित मासिक धर्म
  2. अतिरिक्त शरीर की चर्बी (विशेष रूप से पेट के आस-पास)
  3. अतिरिक्त विकसित अंडाशयों के कारण मुख्य लक्षण में से एक ये होता है कि महिलाओं की त्वचा अधिक ढीली हो जाती है
  4. अतिरिक्त हिस्ट्रोन (महिलाओं के हार्मोन में एक प्रकार का हार्मोन) के कारण शरीर पर मुख्यतः चेहरे, गर्दन, छाती और घुटनों पर अतिरिक्त बाल उग जाते हैं।
  5. अतिरिक्त मेलेस्ट्रोन (दूसरा प्रकार का हार्मोन) के कारण महिलाओं के शरीर में एक प्रकार का घटा दृष्टि रोग हो सकता है।
  6. इंसुलिन अनुसंधान कम होने के कारण शरीर में शुगर का स्तर बढ़ सकता है।
  7. उच्च रक्तचाप
  8. अतिरिक्त अंधकार
  9. अतिरिक्त थकान

Also Read:  What are the First Signs of PCOS? | PCOS Symptoms

पीसीओएस का कारण/PCOS KE KARAN? (PCOS CAUSES):

PCOS के कारण हो सकते हैं। कुछ मुख्य कारणों में शामिल हैं:

  1. अधिक वजन: ज्यादातर महिलाओं में PCOS का सम्बन्ध अधिक वजन से होता है।
  2. अस्वस्थ खानपान: अस्वस्थ खानपान और शराब पीना भी PCOS का कारण बन सकता है।
  3. गंधमूल रोग: इस रोग के कारण शरीर में अधिक आंव पैदा होता है, जो महिलाओं में अतिरिक्त अंडाशय बनाने का कारण बनता है।
  4. आंत्र मंडल में समस्या: आंत्र मंडल में समस्या भी PCOS का कारण बन सकती है।
  5. बदलता हुआ हार्मोन स्तर: महिलाओं के हार्मोन स्तर में बदलाव भी PCOS का कारण बनता है।
  6. अधिक अंधकार और थकान: अधिक अंधकार और थकान भी PCOS का कारण बन सकते हैं।

 

PCOS टेस्ट कैसे होता है/PCOS Test Kaise Hota Hai? (PCOS Diagnosis):

डॉक्टर पीसीओएस के लक्षणों के बारे में जानने के बाद, यह जांच करने के लिए कुछ टेस्ट कर सकते हैं। कुछ पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण शामिल हैं, जो डॉक्टरों को यह जांचने में मदद करते हैं कि आपकी समस्या PCOS से जुड़ी है या नहीं।

आपके डॉक्टर आपकी सेहत के लिए जरूरी जाँच कर सकते हैं जो निम्न हो सकती हैं:

  1. फोलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH) जांच – जो आपके अंडाशय में अंडों के उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है
  2. ल्यूटेनाइजिंग हार्मोन (LH) जांच – जो अंडाशय के बाहर जाकर अंडों का विकास बढ़ाता है
  3. टेस्टोस्टेरोन स्तर जांच – जो महिलाओं के लिए पुरुष हार्मोन होता है। PCOS में, यह स्तर आमतौर पर नॉर्मल से ऊपर होता है।
  4. इंसुलिन स्तर जांच – जो शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। PCOS में, इंसुलिन असंतुलित हो सकता है जो वजन बढ़ा सकता है और आपकी डाइट में विविधता बढ़ा सकता है।
  5. अंडाशय के एकोग्राफी – एक उल्ट्रासाउंड जाँच होती है जो आपके अंडाशय के आकार और उनमें उत्पन्न होने वाले अंडों की संख्या को देखता है।
  6. स्कैनिंग टेस्ट: डॉक्टर सोनोग्राफी के माध्यम से एक महिला के अंडाशयों को देख सकते हैं जो उनके PCOS निदान के लिए आवश्यक होते हैं।
  7. ब्लड टेस्ट: अंध इसके अलावा, बैठे रहने से बचें और नियमित व्यायाम करें। योग और ध्यान करने से भी इस समस्या से छुटकारा मिलता है।

Also Read:  Can PCOS Be Cured? | PCOS Diagnosis & Treatment

पीसीओ का इलाज/PCOS ka Ilaj (PCOS TREATMENT):

PCOS का इलाज तब होता है जब आपकी समस्या के कारणों का पता चलता है। आपके डॉक्टर आपकी स्थिति को देखते हुए एक या एक से अधिक उपचारों की सलाह दे सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैं:

  1. दवाओं का उपयोग – डॉक्टर आपको अलग-अलग दवाओं की सलाह दे सकते हैं जो आपके अंडाशय में अंडों का उत्पादन बढ़ा सकते हैं या आपके डायबिटीज, अल्सर, शरीर में शुगर के स्तर के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है।
  2. संतुलित आहार – आपके आहार के साथ संतुलित रहने से आपके शरीर को जरूरत के अनुसार पोषण मिलता है जो आपकी समस्या को सुधार सकता है। अधिकतम सुझावों में, खाद्य जैसे कि ऊबला हुआ सब्जी, फल, शाकाहारी भोजन और अनाज शामिल हो सकते हैं।
  3. अभ्यास या व्यायाम – अपने वजन को कम करने और स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम और अभ्यास सबसे अच्छे उपाय हैं। इससे आपके इंसुलिन स्तर में सुधार हो सकता है और यह आपकी बढ़ती उम्र के लिए भी फायदेमंद होता है।

 

पीसीओएस डाइट (PCOS Diet):

अगर आपको पीसीओ की समस्या है, तो आपको संतुलित आहार का पालन करना चाहिए। अधिकतम सुझावों में, खाद्य जैसे कि ऊबला हुआ सब्जी, फल, शाकाहारी भोजन और अनाज शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, आपको कुछ अन्य आहार अनुसंधान भी करना चाहिए जो आपकी समस्या को सुधार सकते हते हैं। इन आहारों में मूली, टमाटर, ब्रोकली, फल, आटे का उत्पाद, सोया उत्पाद, सफेद मांस और मछली शामिल हो सकते हैं। आपको इन आहारों का उपयोग करने के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

  • संतुलित भोजन: संतुलित भोजन खाना आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। आपको अपने आहार में फल, सब्जियां, अनाज, प्रोटीन, दूध, दही और दूसरे डेयरी उत्पादों को शामिल करना चाहिए।
  • कार्बोहाइड्रेट्स: आपको अपने आहार में कम कार्बोहाइड्रेट शामिल करने की आवश्यकता होगी। इसके बजाय, आप अनाज जैसे गेहूं, बाजरा, जौ और चावल का सेवन कर सकते हैं।
  • वसा: आपको वसा कम करने की आवश्यकता होगी। इसके बजाय, आप बैकेड और ब्राउन रोटी का सेवन कर सकते हैं। आपको अपनी डाइट में फल, सब्जियां, मखाना, फलीदार विशेष आहार जैसे लौंग, हींग और दही शामिल

 

Also Read: PCOS in Hindi

FAQs:

Q: पीसीओडी का जांच कैसे होता है?

A: जब महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म, त्वचा के उपर पाये जाने वाले काले दाग और अधिक बाल उगने लगने जैसे लक्षण होते हैं, तो वे अपने डॉक्टर से पीसीओडी की जांच के लिए परामर्श कर सकती हैं। यह जांच अन्य टेस्टिंग के लिए भी शामिल हो सकती है, जैसे कि हॉर्मोन परीक्षण और उल्ट्रासाउंड जांच।

Q: पीसीओएस स्कैनिंग कैसे करते हैं?

A: पीसीओएस स्कैनिंग उल्ट्रासाउंड जांच के माध्यम से की जाती है। डॉक्टर एक ऊतक से जांच करते हैं जो वजन और मोटापे को मापता है तथा एक उल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ एक अंतर्निहित ऊतक को देखने के लिए उल्ट्रासाउंड जांच करता है।

Q: क्या होता है जब महिला को Pcos हो?

A: पीसीओएस एक स्त्री होने वाली रोग होता है, जो महिलाओं में हॉर्मोन असंतुलन के कारण होता है। इस स्थिति में महिलाओं के अंडाशय में छोटे छोटे गांठ बनते हैं जो उनकी अंडाशय कार्य क्षमता को प्रभावित कर

Q: पीसीओएस क्या है और लक्षण क्या हैं?

A: पीसीओएस पॉलिक्सिक ओवरी सिंड्रोम का संक्षिप्त रूप है। इसमें महिलाओं के अंडाशय में एक समस्या होती है जिसके कारण अंडाशय में कई छोटे अंडे बनते हैं।

पीसीओएस के लक्षण निम्नलिखित हैं।

  • अनियमित मासिक धर्म
  • यौन इच्छा में कमी
  • मुँह में अधिक दाढ़ का उत्पादन
  • वजन बढ़ना या बढ़े हुए वजन को नहीं घटा पाना
  • अक्सर ठंड लगना या हॉट फ्लैशेज का होना
  • नपुंसकता का होना या स्त्री शुक्राणु की कमी
  • एक या दोनों अंडाशयों के आकार में बढ़ोतरी 

Q: पीसीओडी में प्रेग्नेंट हो सकते हैं?

A: हाँ, पीसीओडी में भी महिला गर्भवती हो सकती है। लेकिन इसमें बच्चे के संबंध में कुछ समस्याएं हो सकती हैं। जैसे कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में डायबिटीज़, प्री-ईक्लैम्प्सिया, बढ़े हुए ब्लड प्रेशर और प्रजनन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

Q: पीसीओएस कब विकसित होता है?

A: अधिकांश मामलों में, पीसीओएस का विकास पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक होता है। यह अक्सर युवा महिलाओं में देखा जाता है, लेकिन कुछ मामलों में बालगृह से शुरू होने वाली महिलाओं में भी हो सकता है।

Q: पीसीओएस को कैसे ठीक किया जा सकता है?

A: पीसीओएस का इलाज कुछ नहीं है, लेकिन उपचार से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर एक उपचार योजना बनाएंगे, जो आपके लिए सबसे अधिक लाभदायक होगी। इसमें आहार व्यवस्था, व्यायाम और दवाइयों का सेवन शामिल हो सकता है।

Q: क्या होता है जब महिला को Pcos हो?

A: PCOS होने पर महिलाओं में अलग-अलग तरह के लक्षण होते हैं, जैसे अनियमित मासिक धर्म, बालों का झड़ना, गंभीर चर्म रोग, मोटापा आदि। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को त्वचा की समस्याएं, दिल की बीमारी, शरीर के अन्य अंगों की समस्याएं भी हो सकती हैं।

Q: पीसीओडी में पीरियड कैसे लाएं?

A: पीसीओडी में पीरियड लाने के लिए आप निम्नलिखित कुछ उपाय कर सकते हैं:

  • स्वस्थ खानपान के पालन करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यानाभ्यास और योग करें।
  • दूध और दूध से बनी चीजें जैसे दही, पनीर, आदि खाएं।
  • अधिक वसा वाले और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें।
  • प्राकृतिक उपचार जैसे आंवला, अशोक चूर्ण आदि का सेवन करें।

Q: क्या आप बिना पीरियड पीसीओएस के ओव्यूलेट कर सकते हैं?

A: नहीं, बिना पीरियड के पीसीओएस के ओव्युलेशन करना संभव नहीं होता। पीसीओएस में अंडाशय में अंडे बनते हैं और इन अंडों को योनि के अंदर स्थानांतरित करने के लिए एक गर्भाशय विकसित होता है। इसलिए, यदि अंडाशय में कोई अंडा नहीं है तो ओव्युलेशन संभव नहीं होगा।

Also Read:  PCO vs PCOS | Difference between PCO & PCOS

    Book Your Appointment

    DISCLAIMER: We are NOT A SPERM DONOR Clinic

    Dr Mona Dahiya

    Dr Mona Dahiya

    IVF Specialist & Consultant

    Dr Mona Dahiya has performed over 10,000+ IVF cycles and is considered a global expert in IVF, ICSI, IUI and male fertility treatment. She is an eminent writer on Infertility Treatment and has over 100 Publications in both International and National Journals. Dr Mona Dahiya has immensely contributed to the field of infertility through her Research and articles.

    Recent Posts

    Top 5 Best IVF Centres in Delhi: A Comprehensive Guide

    Choosing the right IVF center is a crucial decision for couples facing fertility issues. In Delhi, a city with an abundance of medical facilities, finding the best IVF centre in Delhi can be overwhelming.  Factors to Choose Best IVF Centre in Delhi This blog...

    Best Fertility Specialist in India

    Best Fertility Specialist in India  WITH 85% SUCCESS RATE Dr. Mona Dahiya is considered one of the best fertility specialists in India for several reasons. These include her extensive experience of 25 Years, high success rates of 85% and a comprehensive approach to...

    Choosing The Right Clinic For High Ivf Success Rates In India

    CHOOSING THE RIGHT CLINIC FOR HIGH IVF SUCCESS RATES IN INDIA Choosing the right IVF clinic in India involves considering several key factors to ensure you have a high chance of success and a supportive treatment experience: Clinic’s Reputation: Opt for clinics with a...

    Best Infertility Doctors in India

    BEST INFERTILITY SPECIALIST IN INDIA The Best infertility specialists in India are globally popular for their expertise, comprehensive training and worldwide global experience. These infertility Doctors in India have had a profound impact on fertility research. The...

    Complete Guide to ICSI IVF

    What is ICSI Intracytoplasmic Sperm Injection? For individuals facing infertility, ICSI is a specialized form of IVF that significantly increases pregnancy chances, especially with male infertility concerns. ICSI procedure involves directly injecting a single sperm...

    INTRODUCTION PCOS & FEMALE INFERTILITY

    Polycystic Ovary Syndrome (PCOS) is a common yet often misunderstood condition, affecting approximately 1 in 10 women of reproductive age worldwide. Characterized by a combination of symptoms that can include irregular menstrual cycles, excess androgen levels, and...

    CUTTING EDGE FERTILITY TREATMENTS

    FOREWORD | CUTTING EDGE FERTILITY TREATMENTS Infertility has emerged as a significant global health issue which is known to affect approximately 10-15% of couples worldwide. In the past decade, India has become a premier destination for fertility treatments for...

    Female Infertility Causes and Treatment

    Little Angel IVF: Unveiling the Mysteries of Female Infertility - Causes and Treatment Insights Female Infertility Causes and Treatment here - Embarking on the journey of parenthood can be challenging, especially when faced with the complexities of female infertility....

    Affordable IVF Cost in India for Families

    IVF, while intricate and costly is more affordable in India compared to Western countries, making it a popular destination for medical tourism. The cost of IVF in India varies based on factors like age, fertility issues, medical history and the number of cycles...

    HSG Tests in Noida

    HSG TESTS IN NOIDA Hysterosalpingography (HSG) is a vital diagnostic tool in the realm of female fertility evaluation. Little Angel IVF stands as a recognized name for conducting HSG tests in Noida with precision and care. An HSG test is a specialized X-ray procedure...