IUI Kya Hai – IUI Treatment in Hindi

by | Feb 14, 2023 | IUI

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IUI Kya Hai?

इन्ट्रा यूटेराइन इंसेमिनेशन (IUI) एक आसान तकनीक है, जो स्त्री की अशुक्रता के इलाज के लिए की जाती है। इस तकनीक में, परजीवी की मदद से स्त्री के गर्भाशय में शुक्राणु को डालने के लिए की जाती है। आईयूआई एक सुरक्षित और प्रभावी विधि है, जिसे अक्सर स्त्री अशुक्रता के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।

आईयूआई कैसे होता है? (IUI Kaise Hota Hai):

IUI एक आसान प्रक्रिया है जो आमतौर पर क्लिनिक में की जाती है। इस तकनीक में, पहले डॉक्टर स्त्री के शरीर से एक नमूना लेते हैं और इसे फलोपियन ट्यूब के मुंह के पास छोड़ देते हैं। फिर, एक स्पर्म का नमूना लिया जाता है और इसे परजीवी की मदद से स्त्री के गर्भाशय में डाला जाता है। इस प्रक्रिया को आमतौर पर मासिक धर्म के बीच में किया जाता है।

आईयूआई की प्रक्रिया क्या है? (IUI Treatment in Hindi):

आईयूआई ट्रीटमेंट की प्रक्रिया निम्नलिखित हैं:

  • शुरुआत में, डॉक्टर स्त्री के शरीर से एक नमूना लेते हैं।
  • यह नमूना एक लैब में जांच के लिए भेजा जाता है ताकि उपयुक्त शुक्राणु का चयन किया जा सके।
  • अगले कुछ दिनों में, स्त्री के गर्भाशय में शुक्राणु को डालने के लिए इस नमूने का उपयोग किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया के दौरान, स्त्री को एक उत्तेजक दवा दी जाती है ताकि गर्भाशय में शुक्राणु का प्रवेश आसान हो जाए।
  • इस प्रक्रिया के बाद, स्त्री को अवकाश दिया जाता है और उन्हें सम्भोग के लिए उत्तेजित करने के लिए कहा जाता है।
  • इस प्रक्रिया को मासिक धर्म के बीच में किया जाता है।
  • इस तरह, आईयूआई एक सुरक्षित और प्रभावी तकनीक है जो स्त्रियों के अशुक्रता के इलाज में उपयोग किया जाता है।

आईयूआई के फायदे क्या हैं? (IUI Benefits in Hindi):

  • अस्पताल में रहने की आवश्यकता नहीं होती है।
  • यह एक सुरक्षित तकनीक है और कम जोखिम वाला होता है।
  • इस तकनीक के द्वारा जल्द से जल्द गर्भावस्था में सफलता मिल सकती है।
  • आईयूआई स्त्रियों के अशुक्रता के इलाज के लिए एक सस्ता विकल्प होता है।

आईयूआई के नुकसान क्या हैं? (IUI Side Effects in Hindi):

  • इस तकनीक के दौरान, कुछ स्त्रियों को वह दवा दी जाती है जो अस्थायी रूप से उन्हें उत्तेजित करती है और इससे उन्हें दर्द या असुविधा हो सकती है।
  • इस तकनीक के द्वारा सफलता की गारंटी नहीं होती है।
  • इस तकनीक के द्वारा, एकल गर्भ नहीं होने का जोखिम होता है जो कि एकत्रित गर्भधारण (मल्टिपल प्रेग्नेंसी) का कारण बन सकता है।

आईयूआई के जोखिम क्या हैं? (IUI Risks in Hindi):

IUI एक सुरक्षित तकनीक होती है लेकिन कुछ जोखिम भी हो सकते हैं। कुछ आम जोखिम निम्नलिखित हैं:

  • बहुत बार IUI के दौरान एक से अधिक गर्भाशय में गर्भ लगता है, जिसे बहुगर्भता कहा जाता है।
  • IUI के दौरान गर्भाशय में संक्रमण हो सकता है।
  • बार-बार IUI करने से गर्भाधारण के लिए जरूरी औसत समय से अधिक समय तक लग सकता है।

इसलिए, यदि आप IUI तकनीक का उपयोग करने की सोच रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और उनसे संभव रिस्क के बारे में चर्चा करें।

भारत में आईयूआई का खर्च क्या हैं? I(UI Cost in India):

भारत में आईयूआई खर्च/IUI Treatment Cost स्थान के अनुसार भिन्न हो सकता है। इसका मूल्य नॉर्मली 10,000 रुपये से 50,000 रुपये तक होता है, लेकिन यह खर्च अस्पताल या क्लिनिक की स्थिति, विशेषज्ञों की उपलब्धता और जरूरत के अनुसार विभिन्न हो सकता है।

इसके अलावा, कुछ बीमा योजनाएं भी आईयूआई की खर्चों को कवर करती हैं। इसलिए, आईयूआई की जानकारी के लिए अपने निकटतम अस्पताल से संपर्क करें और आवश्यक जानकारी लें।

आईयूआई कब करना चाहिए:

IUI Process कब करना चाहिए इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाता है। हालांकि, अक्सर IUI का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है:

  • यदि पुरुष का वीर्य शुक्राणुओं की संख्या कम हो या उनकी गति मंद हो।
  • यदि महिला के गर्भाशय में संक्रमण के लक्षण हों।
  • यदि महिला के अंडाशय में अंडे उत्पन्न करने की क्षमता कम हो या न हो।
  • यदि महिला की अंडाशय अविकसित हो।
  • यदि महिला की गर्भवती होने की कोशिश करने के बाद भी गर्भधारण नहीं होता है।

विशेषज्ञ डॉक्टर आपकी जांच करेंगे और आपके मामले के अनुसार आवश्यकताओं के आधार पर IUI करने की सलाह देंगे।

आईयूआई सफलता दर क्या हैं? (IUI Success Rate in Hindi):

IUI की सफलता दर कई फैक्टरों पर निर्भर करती है जैसे महिला की उम्र, उनकी ओवुलेशन स्थिति, स्पर्म की गुणवत्ता और मातृत्व समस्याएं। अधिकतर मामलों में, IUI की सफलता दर लगभग 10% से 20% होती है। यह दर विभिन्न चिकित्सा संस्थानों और विशेषज्ञों के अनुभव पर भी निर्भर करती है।

ध्यान देने योग्य बात है कि IUI की सफलता दर जब अन्य परिचित तकनीकों (जैसे IVF) से तुलना की जाती है, तो यह कम होती है। इसलिए, अगर आप बालकों की संख्या या स्पर्म की गुणवत्ता या अन्य मातृत्व समस्याएं के कारण IUI से बेहतर परिणाम प्राप्त करने में सक्षम हैं, तो अपने डॉक्टर से अन्य विकल्पों के बारे में चर्चा करें।जानिये IUI VS IVF की प्रक्रिया

 

IUI FAQs-

Q: क्या आईयूआई के दौरान दर्द होता है?

A: आमतौर पर, आईयूआई के दौरान थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है, लेकिन अधिकतर महिलाओं के लिए यह बहुत असहनीय नहीं होता। डॉक्टर आपको दर्द निवारक दवाओं का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं।

Q: क्या आईयूआई के दौरान रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होता है?

A: हाँ, आईयूआई के दौरान कुछ महिलाओं को थोड़ी सी ब्लीडिंग हो सकती है। हालांकि, यह सामान्य रूप से बहुत कम होता है और कुछ दिनों में खत्म हो जाता है।

Q: आईयूआई कितनी बार करनी चाहिए?

A: आईयूआई एक महिला की आवश्यकताओं और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। आमतौर पर, यह एक से दो बार निष्पादित किया जाता है।

Q: आईयूआई सक्सेस होने के क्या लक्षण हैं?

A: आईयूआई के सफल होने के लक्षणों में गर्भावस्था के लक्षण जैसे कि उल्टी, सुबह की बुखार, स्तनों में सूजन या दर्द, या भारी रक्तस्राव जैसी समस्याएं

Q: आईयूआई के बाद गर्भ ठहरने में कितना समय लगता है?

A: आईयूआई के बाद गर्भ ठहरने में आमतौर पर 2 से 3 हफ्तों तक का समय लगता है।

Q: क्या आईयूआई गर्भावस्था सुरक्षित है?

A: हाँ, आईयूआई गर्भावस्था के लिए सुरक्षित माना जाता है। इस प्रक्रिया का उपयोग मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य की निगरानी करने के लिए किया जाता है।

Q: क्या हम आईयूआई के बाद काम पर जा सकते हैं?

A: हाँ, आमतौर पर आईयूआई के बाद कुछ घंटों में आप काम पर जा सकते हैं। हालांकि, आपके डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी होता है।

Q: आईयूआई को पूरा होने में कितना समय लगता है?

A: आईयूआई को पूरा होने में आमतौर पर 10 से 15 मिनट तक का समय लगता है।

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    Dr Mona Dahiya

    Dr Mona Dahiya

    IVF Specialist & Consultant

    Dr Mona Dahiya has performed over 5,000+ IVF cycles and is considered a global expert in IVF, ICSI, IUI and male fertility treatment. She is an eminent writer on Infertility Treatment and has over 100 Publications in both International and National Journals. Dr Mona Dahiya has immensely contributed to the field of infertility through her Research and articles.